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विकास दर और गिरेगी : मोदी

पटना. पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि इस बजट को अब तक का सबसे नीरस और विकास दर को और नीचे ले जानेवाला बजट करार दिया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर लोगों को उम्मीद थी कि वे बिहार के विकास को गति देनेवाला, गांव, गरीब, किसान, खेत-खलिहान […]

पटना. पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि इस बजट को अब तक का सबसे नीरस और विकास दर को और नीचे ले जानेवाला बजट करार दिया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर लोगों को उम्मीद थी कि वे बिहार के विकास को गति देनेवाला, गांव, गरीब, किसान, खेत-खलिहान और छात्र-नौजवानों को केंद्र में रख कर बजट बनायेंगे, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया. जल्दबाजी में उन्होंने निराशाजनक, उत्साहहीन और बिहार को पीछे ले जानेवाला बजट पेश किया है.

इसमें न किसी योजना की घोषणा की गयी है, न विकास की दिशा. इस बजट से न रोजगार का सृजन होगा, न सूबे में उद्योग-धंधों का जाल बिछेगा. मानव विकास मिशन और कृषि रोड मैप के लक्ष्यों को हासिल करना संभव नहीं होगा. यही नहीं, आधारभूत संरचना और सड़क-बिजली के क्षेत्र में भी कोई उल्लेखनीय प्रगति के लक्षण दिखायी नहीं दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार कह रही है कि योजना का आकार घट गया है, वहीं वित्त मंत्री के बजट भाषण के पृष्ठ-70 पर कहा गया है कि वर्ष 2015-16 में राज्य की वार्षिक योजना 57,537.62 करोड़ की है, जो वित्तीय वर्ष 2014-15 की मूल वार्षिक योजना 55,099 करोड़ रुपये से 2,038.62 करोड़ रुपये अधिक है. मंत्री के बजट भाषण में 2014-15 वित्तीय वर्ष के फरवरी तक कितना खर्च हुआ, इसका कोई जिक्र नहीं है. वहीं, अलग-अलग विभागों के पुनरीक्षित बजट को सरकार ने छुपा लिया है. राजस्व संग्रह का बजट अनुमान 25 हजार करोड़ दरसाया गया है, वहीं पुनरीक्षित अनुमान भी 25 हजार करोड़ ही बताया गया है. उन्होंने कहा है कि बजट को लेकर मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में अनुमान लगाया गया था कि राजस्व संग्रह तीन-से-चार हजार करोड़ रुपये कम होगा. इसे बजट में सुधारा नहीं गया है.
85 हजार सरकारी नौकरियां
वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान शिक्षा और गृह विभागों में जहां 85,155 नियुक्तियां होंगी, वहीं निजी क्षेत्र की कंपनियों में एक लाख लोगों की नियुक्ति का लक्ष्य रखा गया है. पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान निजी कंपनियों ने 53, 277 लोगों की नियुक्ति की. सरकार को उम्मीद है कि आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से असंगठित क्षेत्र में लाखों लोगों को रोगजार मिलेगा.
शिक्षा विभाग
पद संख्या
प्राथमिक शिक्षक 74000
माध्यमिक शिक्षक 10229
गृह विभाग
कंपनी कमांडर 130
अधिनायक अनुदेशक 244
अधिनायक लिपिक 126
सिपाही 426
कुल 85155

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