पटना: जीतन राम मांझी ने आठ दिनों में बहुमत साबित करने का जब दावा किया, तो नीतीश कुमार ने आसमान सिर पर उठा लिया था. आज वे सदन में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का वक्त मांग रहे हैं. उन्हें तो दो-तीन दिनों में बहुमत सिद्ध करना चाहिए. उक्त बातें सोमवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कही.
उन्होंने कहा कि मांझी जी जब सीएम बने थे, तब तीन दिनों में, जबकि राबड़ी देवी जब सीएम बनी, तब पांच दिनों में अपना बहुमत साबित कर दिया था, पर नीतीश कुमार इसके लिए 15 दिनों का वक्त मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में लालू-राबड़ी देवी के न आने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. शादी-विवाह के नाम पर लालू-राबड़ी ने शपथ ग्रहण समारोह में न आने की सफाई दी जा रही है. शादी तो यूपी के सीएम अखिलेश यादव के यहां भी थी, किंतु वे तो आये.
शपथ ग्रहण समारोह में लालू-राबड़ी के परिवार के किसी सदस्य का न आना कई सवाल खड़े कर रहा है. मंत्रिमंडल विस्तार के मुद्दे पर लालू प्रसाद से नीतीश कुमार की कोई बात नहीं हुई है. सच तो यह है कि नीतीश कुमार को लालू प्रसाद पर भरोसा नहीं है. राज्यपाल का बजट भाषण और बजट पहले से ही एप्रूव है. एप्रूव करने के वक्त विजेंद्र यादव व विजय चौधरी मंत्रिमंडल में शामिल थे.
विश्वासमत और बजट सत्र को ले कर नीतीश कुमार बहाना बना रहे हैं कि बजट और राज्यपाल का भाषण तैयार करने में वक्त लगेगा. कृषि, शिक्षा, ग्रामीण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण और उद्योग जैसे महत्वपूर्ण विभाग बिना मंत्री के हैं.
सारे मंत्रालय खुद नीतीश कुमार ने अपने पास रख रखा है. मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने को ले कर राजद-कांग्रेस में विद्रोह की स्थिति बनी हुई है. अब नीतीश जी कह रहे हैं कि बजट सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार होगा. उन्होंने कहा कि छह माह में नीतीश सरकार सिर्फ घोषणाएं कर सकती हैं, उसे लागू नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि भाजपा विपक्ष की भूमिका में हर मुद्दे को उठाती रहेगी. उन्होंने कहा कि 2010 का जनादेश किसी एक चेहरे पर नहीं, बल्कि भाजपा-जदयू को मिला था. जनता बंधुआ मजदूर नहीं है, जब मन में आया उसके आदेश को किसी से बांध दिया.
नीतीश कुमार का अहंकार टूटने में समय लगेगा
नीतीश कुमार के सीएम पद की शपथ लेने के कुछ ही मिनट बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी. जब नरेंद्र मोदी पीएम बने, तब नीतीश कुमार ने उन्हें तीन दिन बाद बधाई दी थी. वे उन्हें ‘देश-तोड़क’ कहने से भी बाज नहीं आये थे. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद से दोस्ती कर बिहार का वे विकास नहीं कर सक ते. क्या जीतन राम मांझी भाजपा में शामिल होंगे, इस पर उन्होंने कहा कि जदयू ने उन्हें असंबद्ध घोषित कर रखा है, ऐसे में वे किसी पार्टी में शामिल नहीं हो सकते.