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फर्जी साइन से लाखों की निकासी

बिहटा रेफरल अस्पताल में भारी वित्तीय अनियमितता उजागर बिहटा : बिहटा रेफरल अस्पताल में बीसीएम सुनीता कुमारी पर धोखाधड़ी कर कई चेकों के माध्यम से लाखों रुपये की निकासी करने का आरोप है. जब मामला प्रकाश में आया तो वह साफ मुकर गयीं. सूत्रों के अनुसार बिहटा रेफरल अस्पताल के तत्कालीन चिकित्सा प्रभारी डॉ शशिकला […]

बिहटा रेफरल अस्पताल में भारी वित्तीय अनियमितता उजागर
बिहटा : बिहटा रेफरल अस्पताल में बीसीएम सुनीता कुमारी पर धोखाधड़ी कर कई चेकों के माध्यम से लाखों रुपये की निकासी करने का आरोप है. जब मामला प्रकाश में आया तो वह साफ मुकर गयीं. सूत्रों के अनुसार बिहटा रेफरल अस्पताल के तत्कालीन चिकित्सा प्रभारी डॉ शशिकला भट्ट के हस्ताक्षर से जारी तीन एकाउंट से कुल 3,80,900 रुपये की निकासी कर ली गयी है.
बीसीएम के पद पर तैनात सुनीता ने बैंक से पैसे निकाले हैं, पर वे पैसा कहां गये, कोई पता नहीं है. हालांकि डॉ शशिकला को पद से हटा कर डॉ कृष्ण कुमार मिश्र को प्रभारी बनाया गया है. उन्होंने कहा कि इसकी जांच के लिए टीम गठित की गयी है. सिविल सजर्न का कहना है कि यह वित्तीय अनियमितता का मामला है.
झारखंड से फोन कर लगाता है चूना
पटना. बैंक अधिकारी होने का झांसा देकर चालाकी से एटीएम का पिन कोड पूछना और फिर पैसा निकाल लेनेवाला गिरोह झारखंड के जामताड़ा इलाके का है. इस तरह की घटनाएं रूक नहीं रही हैं और जालसाज एटीएम का पिन कोड पूछ कर पैसे निकालने या फिर ऑनलाइन मार्केटिंग की घटना को अंजाम देकर पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं.
इस तरह के सबसे अधिक मामले पटना सिटी, सदर इलाके में ज्यादा आ रहे हैं. सिटी एसपी (पूर्वी) सुधीर कुमार पोरिका के निर्देश पर इन मामलों को सुलझाने के लिए एक विशेष टीम गठित की गयी है. इस टीम ने जब अपना अनुसंधान शुरू किया तो दस अलग-अलग मोबाइल नंबरों की जानकारी हुई, जिससे बैंक अधिकारी बन कर पिन कोड पूछा गया था और खातों से पैसे निकाले गये थे. ये सभी नंबर झारखंड के जामताड़ा इलाके के हैं. इस तरह की जानकारी मिलने के बाद पटना पुलिस की एक टीम झारखंड के जामताड़ा रवाना हो चुकी है और वहां कैंप कर रही है. उन जालसाजों को पकड़ने के लिए झारखंड पुलिस की भी मदद ली जा रही है.
क्या कहते हैं एसपी
सिटी एसपी (पूर्वी) ने बताया कि काफी संख्या में इस तरह के मामले सामने आने के कारण विशेष टीम गठित कर छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन जालसाजों की नजर ग्रामीण इलाकों के लोगों पर अधिक है. हालांकि कई पढ़े-लिखे और सरकारी लोग भी इनका शिकार हो चुके हैं. पुलिस के पास सबसे अधिक शिकायतें ग्रामीण इलाकों के लोगों ने की है.

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