संवाददाता, पटना बिहार विधानसभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी पर कार्रवाई करने के लिए पूर्व सांसद साधु यादव ने राजभवन में एक ज्ञापन दिया है. ज्ञापन में उन्होंने लिखा है कि स्पीकर पिछले नौ सालों से संवैधानिक पद पर आसीन हैं. वे स्पीकर के रूप में काम ना कर नीतीश कुमार के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. वर्ष 2005 में पूर्व सांसद राजेश कुमार की हत्या हुई थी. इस मामले की जांच में तत्कालीन एसपी परेश सक्सेना ने उदय नारायण चौधरी की संलिप्तता को उजागर करते हुए उन पर कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय से अनुमति के लिए संचिका आगे बढ़ायी थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दबाव में उस फाइल को दबा दी गयी. आज स्पीकर उसी एहसान का मूल्य चुका रहे हैं और न्यायालय व संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट जिन विधायकों की उन्होंने सदस्यता रद्द की थी उसे बहाल करने का निर्देश दिया, लेकिन सवा महीने के बाद भी अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की गयी है. विधानसभा में घुसने से पहले एक विधायक रवींद्र राय के साथ धक्का मुक्की की गयी. नीतीश कुमार के इशारे पर उन्होंने आठ विधायकों की सदस्यता तो रद्द की ही उनकी पूर्व विधायक की मिलने वाली सुविधा भी रोक दिया. इसलिए उदय नारायण चौधरी को 20 फरवरी को विश्वास मत प्राप्त करने समय विधानसभा चुनाव प्रक्रिया से अलग किया जाये.
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स्पीकर पर कर्रवाई के लिए साधु यादव ने राजभवन को सौंपा ज्ञापन
संवाददाता, पटना बिहार विधानसभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी पर कार्रवाई करने के लिए पूर्व सांसद साधु यादव ने राजभवन में एक ज्ञापन दिया है. ज्ञापन में उन्होंने लिखा है कि स्पीकर पिछले नौ सालों से संवैधानिक पद पर आसीन हैं. वे स्पीकर के रूप में काम ना कर नीतीश कुमार के एजेंट के रूप […]
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