ऐसे में दुबारा आवेदन देने के बाद भी सीबीएसइ ने स्कूल को अब तक प्लस टू के लिए प्रोविजनल एफिलिएशन नहीं दिया है. अप्रैल में सीबीएसइ अपनी वेबसाइट पर उन तमाम स्कूलों का नाम डालता है, जिनका एफिलिएशन खत्म किया जाता है. ज्ञात हो कि डीएवी बीएसइबी में प्लस टू लेवल पर कई तरह की गड़बड़ियां मिलने के बाद सीबीएसइ ने डीएवी बीएसइबी को एक महीने का शो कॉज नोटिस दिया है. इसमें सीबीएसइ ने स्कूल से पूछा है कि उनके सीनियर सेकेंडरी स्कूल का एफिलिएशन क्यूं ना खत्म कर दिया जाये. इसके जवाब के लिए सीबीएसइ ने स्कूल को एक महीने का समय दिया है.
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डीएवी बीएसइबी में 11वीं का मामला, नामांकन लेने से पहले देखें सीबीएसइ की वेबसाइट
पटना: प्लस टू में डीएवी बीएसइबी में नामांकन लेने से पहले सीबीएसइ की वेबसाइट को जरूर चेक कर लें, क्योंकि मार्च के बाद डीएवी बीएसइबी को नॉन एफिलियेट किया जा सकता है. नॉन एफिलिऐट होने के बाद सीबीएसइ उसे वेबसाइट पर डालेगी. मालूम हो क डीएवी बीएसइबी का 31 मार्च, 2015 को प्रोविजनल एफिलिएशन खत्म […]
पटना: प्लस टू में डीएवी बीएसइबी में नामांकन लेने से पहले सीबीएसइ की वेबसाइट को जरूर चेक कर लें, क्योंकि मार्च के बाद डीएवी बीएसइबी को नॉन एफिलियेट किया जा सकता है. नॉन एफिलिऐट होने के बाद सीबीएसइ उसे वेबसाइट पर डालेगी. मालूम हो क डीएवी बीएसइबी का 31 मार्च, 2015 को प्रोविजनल एफिलिएशन खत्म हो रहा हैं.
शक हो तो एफिलिएशन नंबर मांगें
डीएवी बीएसइबी को प्वाइंट करते हुए सीबीएसइ ने अभिभावकों को सचेत किया है. सीबीएसइ की मानें तो मार्च में बोर्ड परीक्षा खत्म होने के साथ ही 11वीं में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. कुछ स्कूल अप्रैल में 11वीं में नामांकन की प्रक्रिया शुरू भी कर देते हैं. आवेदन फॉर्म भरने के बाद इंट्रांस टेस्ट देने के बाद नामांकन लिया जायेगा. कुछ स्कूलों में तो टॉपर स्टूडेंट्स का नामांकन 11वीं में डायरेक्ट होता है. ऐसे में स्कूल के एफिलिएशन की जांच करने के बाद ही नामांकन करवाने की अभिभावक सोचें. इसके लिए वे स्कूल से एफिलिएशन नंबर मांग सकते हैं. वहीं सीबीएसइ के वेबसाइट पर जाकर भी चेक कर सकते हैं.
31 मार्च, 2015 है डेडलाइन
सीबीएसइ के अनुसार देश भर के कई स्कूलों के प्रोविजनल एफिलिएशन 31 मार्च, 2015 को खत्म हो जायेगा. एक बार में तीन साल के लिए सीबीएसइ की ओर से प्रोविजनल एफिलिएशन मिलता है. तीन साल का टर्म पूरा होने के बाद दुबारा फिर प्रोविजनल एफिलिएशन के लिए स्कूल को आवेदन देना होता है. ऐसे में सीबीएसइ की ओर से ऑन द स्पॉट स्कूल कैंपस में जाकर औचक निरीक्षण किया जाता है. औचक निरीक्षण में सही पाये जाने पर ही बोर्ड की ओर से प्रोविजनल एफिलिएशन स्कूल को दिया जाता हैं. औचक निरीक्षण में स्टूडेंट्स की संख्या, टीचर्स की संख्या, क्लास रूम की संख्या, रेगुलर क्लासेज, लैब, लाइब्रेरी के साथ तमाम इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि को देखा जाता है. सीबीएसइ की मानें तो 2015 में जिन स्कूलों का प्रोविजनल एफिलिएशन समाप्त हो रहा है. उन स्कूलों का औचक निरीक्षण अक्तूबर 2014 से मार्च 2015 तक किया जा रहा है. ऐसे में अप्रैल के सेशन शुरू होने से पहले सीबीएसइ वेबसाइट पर दोनों तरह की सूची डाल देगी.
हो रही कार्रवाई
सीबीएसइ के विजिलेंस और एफिलिएशन कमेटी की ओर से कार्रवाई की जा रही हैं. स्कूल को शो कॉज नोटिस देने के बाद स्कूल जवाब देना होगा. स्कूल के जवाब देने के बाद सीबीएसइ की कमेटी फिर स्कूल की जांच करेगी. ऐसे में कमेटी के सैटिस्फाइड होने के बाद ही कुछ होगा. लेकिन उम्मीद कम ही लग रहा है, क्योंकि स्कूल में काफी गड़बड़ियां पायी गयी हैं.
डीएस सिंह, जांच कमेटी के सदस्य, रिटायर्ड ज्वाइंट डायरेक्टर (नवोदय विद्यालय)
इस संबंध में डीएवी बीएसइबी के प्रिंसिपल रामानुज प्रसाद से बात करने की कोशिश की गयी, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. उसके मोबाइल नंबर पर दो बार कॉल किया गया.
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