पटना: बिहार विधानसभा पहली बार संक ट में है. सदन में पांच राजनीतिक दलों का प्रतिनिधि चुन कर आये हैं. जदयू, भाजपा, राजद, कांग्रेस और भाकपा. पांच सदस्य निर्दल हैं. ताजा राजनीतिक हलचल में सभी पार्टियां विपक्ष में आ गयी हैं. अब सदन के समक्ष संकट इस बात को लेकर है कि वह प्रदेश की मौजूदा सरकार को किस दल की सरकार माने. प्रदेश की सरकार विधानसभा के प्रति उत्तरदायी होती है.
20 फरवरी को जीतन राम मांझी की सरकार को सदन का विश्वास का मत हासिल करना है. भाजपा जून, 2013 के बाद से विपक्ष में बैठी है. उसे सदन का मुख्य विपक्षी दल का दर्जा मिला है.
सदन की सबसे बड़ी पार्टी जदयू ने विधानसभाध्यक्ष से लिखित अनुरोध किया है कि वह विपक्ष में बैठना चाहती है. नियम और परंपरा के अनुसार जदयू को विधिवत मुख्य विपक्षी दल की मान्यता देनी विधानसभाध्यक्ष की मजबूरी होगी. कांग्रेस, राजद और भाकपा 2010 में वर्तमान विधानसभा के गठन काल से ही विपक्ष में बैठी हुई है. सदन में मौजूदा सदस्यों की संख्या हैं 233. इनमें चार विपक्षी दलों की कुल सदस्यों की संख्या होती हैं 214. विधानसभा में जदयू के 111 सदस्य हैं. इनमें से विधानसभाध्यक्ष को छोड़ कर आधिकारिक तौर पर 97 विधायक नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जदयू के साथ है. भाजपा के सदन में 87 विधायक हैं. जबकि, कांग्रेस के पांच और भाकपा के एक सदस्य हैं.
स्पीकर ने बुलायी सोमवार को दलीय नेताओं की बैठक
विधानसभाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने सोमवार को दलीय नेताओं की बैठक बुलायी है. इस बैठक में जदयू की ओर से दिये गये आवेदन पर विचार विमर्श किया जायेगा. इसके बाद स्पीकर अपना नियमन देंगे और विधानसभा सचिवालय मुख्य विपक्षी दल के संबंध में विधिवत अधिसूचना जारी करेगा. विधानसभाध्यक्ष ने बताया कि वह नियम और परंपरा के अनुसार अपना निर्णय लेंगे. नियम और परंपरा यही कहता है कि सदन की सबसे बड़ी पार्टी यदि विपक्ष में बैठने का दावा करती है, तो उसे मान्यता देना विधानसभा सचिवालय की मजबूरी होगी. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को जदयू के विजय कुमार चौधरी ने स्वयं मुलाकात कर 20 फरवरी से आरंभ हो रहे सत्र में विपक्ष में बैठने की व्यवस्था करने तथा सदन में जदयू को मुख्य विपक्षी दल की मान्यता दिये जाने का अनुरोध किया है. स्पीकर ने कहा कि वह नियमत: मजबूर हैं, लेकिन इसके पहले दलीय नेताओं की राय भी चाहते हैं. इसके लिए सोमवार को दलीय नेताओं की बैठक बुलायी गयी है.
विधान परिषद में भी जदयू करेगा विपक्ष में बैठने का दावा
जदयू अब विधान परिषद में भी विपक्ष में बैठेगा. पार्टी की ओर से जल्द ही विधान परिषद के सभापति से लिखित अनुरोध करने जा रहे हैं. जदयू ने इच्छा व्यक्त की और सभापति सचिवालय ने इसकी सहमति दे दी तो विधान परिषद से भी भाजपा को मुख्य विपक्षी दल का दर्जा छिन जायेगा और नेता प्रतिपक्ष की कुरसी भी गंवानी पड़ेगी. वर्तमान में 75 सदस्यीय विधान परिषद में जदयू के 41, भाजपा के 16, कांग्रेस के चार, भाकपा के दो, राजद के पांच और निर्दल पांच सदस्य हैं. इनके अतिरिक्त एक सभापति और एक उप सभापति भी सदन के सदस्य हैं.