पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक झटके में शनिवार को 15 मंत्रियों को बरखास्त करने की सिफारिश कर दी. दो मंत्री शुक्रवार को ही मंत्रिमंडल से बरखास्त किये जा चुके थे. लेकिन, मुख्यमंत्री के हाथों बरखास्त नहीं किये गये पांच लकी मंत्री उस समय अनलकी हो गये, जब उन्होंने खुद राजभवन जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया.
ये पांच मंत्री जीतन राम मांझी के साथ खुले रूप से खड़े नहीं थे. आखिर क्या राज था कि मुख्यमंत्री को इन पर पूरा भरोसा था. मुख्यमंत्री ने जिन मंत्रियों को अपने साथ रखा, उसमें निवर्तमान श्रम संसाधन मंत्री दुलाल चंद गोस्वामी, खान एवं भूतत्व मंत्री रामलषण राम रमण, लघु जल संसाधन मंत्री मनोज कुमार सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नौशाद आलम और परिवहन मंत्री रमई राम शामिल हैं. मुख्यमंत्री द्वारा इन मंत्रियों को बरखास्त नहीं किये जाने के कारण कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं.
निवर्तमान श्रम संसाधन मंत्री दुलाल चंद गोस्वामी का मानना है कि उनकी ईमानदार व स्वच्छ छवि रही है. कम समय में ही उन्होंने विभाग के कार्यो में तेजी ला दिया. उनके कार्यो की सार्वजनिक मंच से मुख्यमंत्री ने तारीफ भी की थी. सबसे बड़ी बात है कि उनका चेहरा कभी विवादित नहीं रहा है. इधर निवर्तमान परिवहन मंत्री रमई राम से जब पूछा गया कि आपको मंत्रिमंडल से नहीं हटाने का राज क्या है. श्री राम ने बताया कि यह तो उनके मन की बात है. इस पर वह कुछ नहीं बोल सकते. जबकि जानकार मानते हैं कि रमई राम और राम लषण राम रमण को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अनुसूचित जाति के होने के कारण नहीं हटाया गया.
मुख्यमंत्री ने अपने कार्यो से अनुसूचित जाति व महादलितों को गोलबंद करने की कोशिश की थी. ऐसे में वह किसी भी एससी-एसटी को नहीं हटाना चाहते थे, क्योंकि इसका असर उन वोटरों पर पड़ता. श्याम रजक को इसलिए मुख्यमंत्री ने कैबिनेट से हटाया, क्योंकि वह खुल कर उनके विरोध में दिखने लगे थे. मनोज कुमार सिंह को उपेंद्र कुशवाहा का नजदीकी माना जाता है. ऐसे में यह उम्मीद थी कि वह जीतन राम मांझी के समर्थन में आ सकते हैं. बाद में ये पांचों मंत्री नीतीश कुमार के साथ खड़े हो गये और अपना इस्तीफा सौंप दिया.
इन पांच मंत्रियों को मांझी ने नहीं हटाया, खुद सौंप आये इस्तीफा
निवर्तमान श्रम संसाधन मंत्री
दुलाल चंद गोस्वामी, खान एवं
भूतत्व मंत्री रामलषण राम रमण, लघु जल संसाधन मंत्री मनोज कुमार सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नौशाद आलम और परिवहन मंत्री रमई राम