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डाटा इंट्री ऑपरेटर के लिए मार्च से होगा रजिस्ट्रेशन

पटना: राज्य के सरकारी कार्यालयों में बेल्ट्रॉन के माध्यम से संविदा पर डाटा इंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति की प्रक्रिया मार्च से फिर शुरू होगी. इस बार इनकी नियुक्ति नये तरीके से की जायेगी. वर्तमान में सरकारी विभागों और कार्यालयों में काम कर रहे डाटा इंट्री ऑपरेटरों का इपीएफ और इएसआइसी का खाता इसी माह खोला […]

पटना: राज्य के सरकारी कार्यालयों में बेल्ट्रॉन के माध्यम से संविदा पर डाटा इंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति की प्रक्रिया मार्च से फिर शुरू होगी. इस बार इनकी नियुक्ति नये तरीके से की जायेगी. वर्तमान में सरकारी विभागों और कार्यालयों में काम कर रहे डाटा इंट्री ऑपरेटरों का इपीएफ और इएसआइसी का खाता इसी माह खोला जायेगा. इसमें वैसे लोगों का भी खाता खोला जायेगा, जो लंबे समय से काम करने के बाद भी इससे वंचित हैं. इसके अलावा तमाम ऑपरेटरों की सारी जानकारी ऑनलाइन होने जा रही है, जिसे कभी भी कोई देख सकता है.

इससे इनकी सर्विस में पारदर्शिता बनी रहेगी. नयी व्यवस्था के तहत डाटा इंट्री ऑपरेटर पद के अभ्यर्थियों को पहले बेल्ट्रान के ‘बिहार नॉलेज सेंटर’ (बीकेसी) में रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके बाद इनका किसी थर्ड पार्टी एजेंसी के माध्यम से टेस्ट लिया जायेगा. बेल्ट्रॉन जल्द ही एजेंसी का चयन कर लेगा. इस एजेंसी के जरिये आयोजित होनेवाले टेस्ट में पास होनेवालों को ही विभागों में भेजा जायेगा. पहले रजिस्ट्रेशन करानेवालों को ही पहले जॉब मिलेगा. इसके अलावा सभी ऑपरेटरों की हाजिरी ऑनलाइन अपलोड करने की व्यवस्था होगी. इसके साथ ही उन्हें सैलरी का ऑनलाइन बिल भी मिल जायेगा. इसके लिए अलग से सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है.

इसका काम करीब पूरा हो गया है. सैलरी मिलने के तीन दिन बाद बेल्ट्रॉन इसकी मॉनीटरिंग करेगा. किसी को कम या सैलरी नहीं मिलने की स्थिति में संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई की जायेगी. पहले से रजिस्टर्ड ऑपरेटरों को पहले प्लेसमेंट कराने के बाद ही नये लोगों को मौका मिलेगा.

गड़बड़ी के बाद बंद हुआ रजिस्ट्रेशन
बेल्ट्रॉन ने डाटा इंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति और ट्रेनिंग कराने के लिए ‘बिहार नॉलेज सेंटर’ (बीकेसी) खोल रखा है. इसमें बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आने के बाद यहां से रजिस्ट्रेशन करीब दो महीने से बंद है. यहां रजिस्टर्ड 1900 ऑपरेटर ऐसे हैं, जिनका कहीं प्लेसमेंट नहीं हुआ है. इसके अलावा बड़े स्तर पर यह बात सामने आयी है कि जिन्होंने बाद में रजिस्ट्रेशन कराया, उन्हें पहले नौकरी मिल गयी. कई पुराने रजिस्ट्रेशनवाले अब तक बेकार बैठे हैं. वर्तमान में जो टेस्ट का स्तर था, उसमें काफी खामियां थीं. कई विभागों से यह शिकायत मिली है कि जिन ऑपरेटरों को भेजा गया है, वे काम करने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे कई आरोपों की वजह से इसका रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया था.

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