संवाददाता,पटनामाघ पूर्णिमा तीन फरवरी यानी मंगलवार को मनायी जायेगी. सोमवार की रात्रि 1.47 मिनट पर पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो रही है, जो अगले दिन मंगलवार की रात्रि 3.29 मिनट तक रहेगी. पुष्य नक्षत्र व आयुष्मान योग में पूर्णिमा होने से स्वार्थ सिद्धि योग का सृजन हो रहा है. इस दिन स्नान-दान व व्रत का विशेष महत्व है. पंडित मार्कंडेय शारदे के अनुसार माघ मास की पूर्णिमा विशेष फलदायी है. इस दिन किया गया स्नान पूरे माघ माह के स्नान के समान है. श्रद्धालु विशेष रूप से संगम पर माघ माह में कल्पवास करते हैं, जो ईश्वर की तपस्या समान है. इसके बाद पूर्णिमा का स्नान कर इसकी समाप्ति करते हैं. इसी दिन रविदास जयंती मनायी जाती है. पूर्णिमा को चंद्रमा व्रत के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन चंद्रमा की तीव्र रोशनी से संसार की बाधाएं दूर होती है. चंद्रमा मन का कारक ग्रह है. इस दिन व्रत करने से मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है.लक्ष्मी, कुबेर व इंद्र भगवान की पूजा : इसमें मुख्यत: लक्ष्मी, कुबेर व इंद्र भगवान की पूजा की जाती है. इस दिन स्नान-दान करने का विधान है. वहीं महिलाएं पूर्णिमा व्रत के रूप में संध्या को पूजा कर भगवान को भोग लगाती हैं. तिल, वस्त्र व कंबल आदि दान करना शुभ माना गया है.
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माघ पूर्णिमा तीन को, स्न्नान-दान का महत्व
संवाददाता,पटनामाघ पूर्णिमा तीन फरवरी यानी मंगलवार को मनायी जायेगी. सोमवार की रात्रि 1.47 मिनट पर पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो रही है, जो अगले दिन मंगलवार की रात्रि 3.29 मिनट तक रहेगी. पुष्य नक्षत्र व आयुष्मान योग में पूर्णिमा होने से स्वार्थ सिद्धि योग का सृजन हो रहा है. इस दिन स्नान-दान व व्रत का विशेष […]
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