मंगलवार को खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की राज्यस्तरीय सतर्कता समिति की बैठक में विभागीय मंत्री श्याम रजक ने यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि जनवरी के लगभग 92 फीसदी व फरवरी के 15 फीसदी खाद्यान्न का उठाव कर लिया गया है. इसके साथ ही लगभग 50 लाख लोगों को खाद्य सुरक्षा लाभुक के रूप में जोड़ा गया है. इसके बाद पात्र व्यक्तियों की संख्या लगभग 8 करोड़ 10 लाख हो गयी है.
शेष लाभुकों को जोड़ने के लिए सरकार प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि बिहार ऐसा पहला राज्य होगा, जो 31 जनवरी के पहले केंद्र को खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभुकों की सूची उपलब्ध करायेगा. बैठक में विभागीय सचिव द्वारा मंत्री व अन्य सदस्यों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम की विस्तृत कार्य योजनाओं से अवगत कराया गया. उन्हें बताया गया कि उपभोक्तओं को बायोमीटरिक प्रणाली से जोड़ने में होनेवाले खर्च को वहन करना का आग्रह केंद्र सरकार से किया गया है. अधिप्राप्ति के लिए दी जानेवाली परिवहन दर काफी कम है. इसमें बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव भी दिया गया और राज्य के मौसम को देखते हुए अधिप्राप्ति हेतु धान की नमी की मानकता का प्रतिशत वृद्घि करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है. इन प्रस्ताव पर मंत्रियों ने अपनी सहमति व्यक्त की.
बैठक में राज्य स्तरीय सतर्कता समिति के सदस्य सह वन एवं पर्यावरण मंत्री पीके शाही, ग्रामीण कार्य एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, निबंधन एवं मद्य निषेध मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, गन्ना उद्योग मंत्री रंजू गीता, पर्यटन मंत्री जावेद इकबाल अंसारी, पंचायती राज मंत्री विनोद प्रसाद यादव, श्रम संसाधन मंत्री दुलालचंद गोस्वामी, समाज कल्याण मंत्री लेसी सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण नौशाद आलम मौजूद थे.