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मुख्यमंत्री चापाकल योजना को मंजूरी

पटना: राज्य में मुख्यमंत्री चापाकल योजना शुरू कर दी गयी है. अब एमएलए व एमएलसी की अनुशंसा से चापाकल गाड़े जायेंगे. इसके तहत चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान सिर्फ बीपीएल परिवारों के लिए अलग से 55,228 चापाकलों को लगाने की अनुशंसा विधानमंडल के सदस्य कर सकते हैं. सार्वजनिक स्थलों के लिए भी अनुशंसा कर […]

पटना: राज्य में मुख्यमंत्री चापाकल योजना शुरू कर दी गयी है. अब एमएलए व एमएलसी की अनुशंसा से चापाकल गाड़े जायेंगे. इसके तहत चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान सिर्फ बीपीएल परिवारों के लिए अलग से 55,228 चापाकलों को लगाने की अनुशंसा विधानमंडल के सदस्य कर सकते हैं. सार्वजनिक स्थलों के लिए भी अनुशंसा कर सकते हैं. हालांकि दोनों स्तरों के सदस्यों के लिए संख्या अलग-अलग रखी गयी है.
प्रत्येक एमएलए प्रति पंचायत पांच, नगर निगम क्षेत्र में प्रति वार्ड तीन, नगर परिषद में प्रति वार्ड दो और नगर पंचायत क्षेत्र में प्रति वार्ड एक चापाकल लगाने की अनुशंसा कर सकते हैं. एमएलसी को 100 चापाकल लगाने की अनुशंसा करने का अधिकार दिया गया है. इनके लिए कोई खास क्षेत्र निर्धारित नहीं किया गया है. बीपीएल परिवार के लिए निर्धारित संख्या के अलावा जन प्रतिनिधि सार्वजनिक स्थलों पर भी चापाकल लगवाने के लिए अनुशंसा कर सकते हैं. मंगलवार को कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दे दी. इस मद में 258 करोड़ 68 लाख 96 हजार रुपये जारी किये गये हैं. कैबिनेट ने कुल 21 एजेंडों को मंजूरी दी. इनमें एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय स्कूलों में पेयजल मुहैया कराने के संबंध में लिया गया.
6631 स्कूलों में पेयजल की होगी व्यवस्था
राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत सभी 38 जिलों के 6631 ग्रामीण प्राथमिक व मध्य स्कूलों में पानी टंकी बना कर पेयजल की आपूर्ति की जायेगी. इसके लिए सभी स्कूलों में पानी टंकी बनाने और वाटर सप्लाइ सिस्टम तैयार किया जायेगा. इसके लिए 79 करोड़ 49 लाख 23 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं. इसमें पांच साल का मेंटेनेंस भी शामिल है. इस योजना पर 50 फीसदी राशि केंद्र और 50 फीसदी राशि राज्य सरकार खर्च करेगी.
सभी आरडीओ बने राजपत्रित पदाधिकारी
ग्रामीण विकास विभाग के तहत बहाल हुए सभी प्रखंडों में आरडीओ (रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर) को राजपत्रित पदाधिकारी बना दिया गया है. इसके लिए बिहार ग्रामीण विकास सेवा संवर्ग नियमावली 2010 में संशोधन किया गया है. आरडीओ को अपने कार्यकाल में पांच प्रोन्नति मिलेगी. यानी से प्रत्येक प्रखंड में बहाल होनेवाले आरडीओ विभाग में उपनिदेशक तक बन सकते हैं. अब इनकी तैनाती कार्यपालक दंडाधिकारी के रूप में भी की जा सकती है. हालांकि इसके लिए इनकी सेवा सामान्य प्रशासन विभाग में ट्रांसफर की जायेगी. राज्य में अभी 493 आरडीओ विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत हैं.

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