पटना: स्कूलों की आधारभूत संरचना राज्य के लिए बड़ी चुनौती है. जमीन का अभाव है. ऐसे में कैसे बनेंगे स्कूलों के भवन व किचेन शेड. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने रविवार को कहा कि आरटीइ के अनुसार गांव के एक किमी के अंदर प्राथमिक स्कूल होना चाहिए. सात-आठ साल में राज्य में 21 हजार नये प्राथमिक स्कूल खुले, जिनमें करीब 14 हजार का ही भवन बन सका. शेष सात-आठ हजार स्कूलों के लिए जमीन नहीं मिल रही है. स्कूल के लिए जमीन दान देने का प्रावधान किया गया, पर इसमें भी सफलता नहीं मिली. ये बातें उन्होंने आद्री व इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर द्वारा आयोजित बिहार ग्रोथ कॉन्फ्रेंस में सरकार में नयी पहल पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए कहीं.
मिड डे मील हादसा दुखद
उन्होंने सारण के मशरक प्रखंड के गंडामन गांव के स्कूल में मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत की चर्चा करते हुए कहा कि भोजन में जहर मिला था. घटना से विभाग मर्माहत है. मिड डे मील की पूरी राशि विद्यालय शिक्षा समिति को दी जाती है. संचालन का मुख्य जिम्मा समिति का है. समिति को सशक्त बनाया जायेगा. गांव की जागरूक महिलाओं को इसमें शामिल किया जायेगा, ताकि विद्यालयों में कुछ भी गड़बड़ी व लापरवाही हो, तो समिति के सदस्य आवाज उठाएं . उन्होंने बताया कि चालू शैक्षणिक सत्र में प्रारंभिक विद्यालय के बच्चों को उनकी कक्षा के अनुरूप शिक्षा देने के मामले में 25 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य है. सत्र की अध्यक्षता लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के अदनान खान ने की. कॉन्फ्रेंस के अंतिम सत्र में ‘लाइटिंग ऑफ बिहार’ पर चर्चा हुई. लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रो रॉबिन वर्गीज व हार्वर्ड विवि के निक रेयान ने व्याख्यान दिया.
उन्होंने ऊर्जा विभाग के साथ बिजली प्रदान करने के नये मॉडल पर काम करने की योजना पर प्रकाश डाला. इस सत्र की अध्यक्षता ऊर्जा विभाग के सचिव संदीप पौंड्रिक ने की. इसके पहले शहरीकरण विषय पर ऑक्सफोर्ड विवि के प्रो एंथोनी वेनेवल्स ने व्याख्यान दिया. आइजीसी बिहार के कंट्री निदेशक प्रो अंजन मुखर्जी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कॉन्फ्रेंस में आद्री के सदस्य सचिव शैबाल गुप्ता, पूर्व मुख्य सचिव अनूप मुखर्जी आदि उपस्थित थे.