24 घंटे का करार, पर महाबोधि मंदिर में रात में नहीं ली जाती थी ड्यूटी
पटना/गया : बोधगया ब्लास्ट की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने निजी सुरक्षा एजेंसी कोबरा सेंटिनल प्राइवेट लि के 14 गार्डो के ठिकानों पर छापेमारी की है. उनके परिजनों से पूछताछ भी की गयी है.
इतना ही नहीं, इन गार्डो के बैंक खाते भी खंगाले जा रहे हैं. हाल के दिनों में उनके द्वारा की गयी खरीदारी की जानकारियां भी एकत्र की जा रही हैं. जांच टीम लगाने की कोशिश कर रही है कि हाल के दिनों में कोई जवान कहीं किसी बड़ी राशि का निवेश किया है या नहीं. एनआइए सूत्रों के अनुसार, कोबरा के निदेशक सुजय सौरभ से भी पूछताछ की गयी है. उनके संपर्क को खंगाला जा रहा है.
गुरुवार को एनआइए की टीम ने में कोबरा के फील्ड ऑफिसर ललन मिश्र सहित कंपनी के 16 गार्डो से पूछताछ की. अलग–अलग बिंदुओं पर. एनआइए इस बात का भी पता लगाने में जुटी है कि कोबरा के गार्डो से सुबह पांच से रात नौ बजे तक ही डयूटी क्यों ली जाती थी? जबकि बोधगया मंदिर प्रबंधकारिणी समिति (बीटीएमसी) ने कोबरा के साथ 24 घंटे की ड्यूटी का एग्रीमेंट किया था. यह बात एनआइए की टीम को हजम नहीं हो रही है. एनआइए यह जानने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कहीं कोई दूसरा राज तो नहीं है?
नौ मार्च, 2013 को बीटीएमसी की बैठक में कोबरा के साथ पूर्व के करार को एक साल के लिए विस्तारित करने का निर्णय किया गया था. इसके बाद एक अप्रैल, 2013 को कोबरा से करार किया गया. इसके मुताबिक, कोबरा को महाबोधि मंदिर, बीटीएमसी कार्यालय व कालचक्र मैदान में 24 घंटे सुरक्षा उपलब्ध करानी थी. लेकिन, मंदिर परिसर में ड्यूटी 16-8 घंटे के आधार पर अलग–अलग की जाती थी.
सुबह पांच से रात नौ बजे तक कोबरा के गार्ड तैनात रहते थे, जबकि रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक बीटीएमसी के गार्ड ड्यूटी पर होते थे. पांच से छह बजे के बीच ड्यूटी बदलने के चक्कर में हुई चूक के कारण मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाने में आतंकियों को सफलता मिल गयी. आतंकियों ने 30 से 45 मिनट के बीच 13 स्थानों पर बम बड़े ही आसानी से प्लांट कर दिये.
पोलिटिकल कनेक्शन नहीं : सुजय
इधर, कोबरा के निदेशक सुजय सौरभ ने गुरुवार को कहा कि टेंडर प्रक्रिया में अव्वल आने के बाद उनकी एजेंसी को 2009 में महाबोधि मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेवारी दी गयी थी. ऐसे में हमारे पोलिटिकल कनेक्शन का सवाल उठाना बेकार है.
उन्होंने बताया कि सुबह पांच बजे से रात नौ बजे तक की पहरेदारी का काम उनके गार्डो को मिलता रहा है. जब घटना के पहले की रात उनके गार्डो की महाबोधि परिसर में तैनाती ही नहीं थी, तो उन्हें किस आधार पर लापरवाही का दोषी माना जा सकता है? उन्होंने कहा कि कंपनी के कामकाज से संतुष्ट होकर ही तो इस वर्ष कोबरा की सेवा को विस्तार दिया गया.
इससे स्पष्ट है कि कोबरा की सेवा की गुणवत्ता असंदिग्ध है. पटना में हमारा कार्यालय सामान्य रूप से चल रहा है. हम कहीं भागे नहीं हैं. जहां तक बीटीएमसी के नोटिस का सवाल है, जल्दी ही जवाब दे दिया जायेगा.
– गार्डो के बैंक खातों की की जा रही जांच, हाल में की गयी खरीदारी की जुटायी जा रही जानकारी
– कोबरा के निदेशक सुजय सौरभ से भी पूछताछ, खंगाले जा रहे संपर्क
– हमारा कोई पोलिटिकल कनेक्शन नहीं : कोबरा
– राज्य में 49 निजी सुरक्षा एजेंसियों को ही लाइसेंस
कोबरा के पास नहीं है लाइसेंस
पटना : कोबरा को सरकार से अब तक लाइसेंस नहीं मिला है. इसके बावजूद बीटीएमसी ने इसे महाबोधि मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेवारी कैसे दे दी, यह जिला प्रशासन व सरकार के लिए जांच का विषय बन गया है. गृह सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि उसने लाइसेंस के लिए हाल ही में आवेदन दिया है, जो जांच की प्रक्रिया में है.
अपार्टमेंटों व निजी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में लगे सुरक्षा कर्मियों के आपराधिक इतिहास उजागर होने के बाद सरकार ने वर्ष 2011 में बिहार निजी सुरक्षा एजेंसी विधेयक को लागू किया था. इसमें निजी सुरक्षा एजेंसियों को लाइसेंस लेने का प्रावधान किया गया है. लाइसेंस के लिए मानक भी तय किये गये हैं.
गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार राज्य में 200 से अधिक सुरक्षा एजेंसियां सरकारी व गैर सरकारी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में लगी है, लेकिन अभी तक सिर्फ 49 निजी सुरक्षा एजेंसियों को ही सरकार ने लाइसेंस निर्गत किया गया है, जिनमें कोबरा सेंटिनेल प्राइवेट लिमिटेड नहीं है.
एजेंसियों की गतिविधियों से है सरकार अनजान
गृह विशेष विभाग के विशेष सचिव के द्वारा जारी पत्र में खुलासा हुआ है कि निजी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं इसकी सूचना सरकार को नहीं है.
अगर कोई निजी सुरक्षा एजेंसी किसी जिले में अपना काम शुरू करती है,तो उसे पहले इसकी सूचना पुलिस को देना होगा.अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो उसके विरुद्ध एसपी कार्रवाई करें.
लाइसेंसप्राप्त सुरक्षा एजेंसियां
मेसर्स सारा सिक्यूरिटीज, सीमांचल डिटेक्टिव एंड सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, नेशनल सिक्यूरिटीज फोर्सेज, बिहार इंटेलिजेंट सिक्यूरिटी सर्विसेज, केशव सिक्यूरिटी सर्विसेज, वैनस सिक्यूरिटी सर्विसेज, जय शंकर इंडस्ट्रियल सिक्यूरिटी एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, पाटलिपुत्र सिक्यूरिटीज सर्विसेज, एम 3 सर्विसेज, मेसर्स गौरव सेनानी हाइटेक सिक्यूरिटी सर्विसेज, मेसर्स एक्स एयर वारियर सिक्यूरिटी एंड एचआर सर्विसेज, सिक्यूरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज इंडिया, रोहतास सिक्यूरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज हैं.
इसके अलावा न्यू नेशन सिक्यूरिटी सर्विसेज, मार्स माउंटेन सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, दयासी सिक्यूरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विस, अलर्ट सिक्यूरिटीज सर्विसेज, इम्पेरिसेबल सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, ब्राम्बे इंटेलिजेंस सिक्यूरिटी इंडिया लिमिटेड, आइबी सिक्यूरिटी सर्विसेज, ओम श्री सिक्यूरिटी सर्विसेज, ब्रैभो सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट, मनी श्री इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, फाइटिंग फॉर सिक्यूरिटिज सर्विसेज, जेड इंटेलिजेंस सिक्यूरिटिज, मेसर्स वाच टावर, सेंट्रल सेंट्रल इन्वेस्टिंग एंड सिक्यूरिटिज सर्विसेज लिमिटेड, सीआइएस ब्यूरोज फेसिलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, एमएसएस लोकनाथ सिक्यूरिटीज, कृष्णा सिक्यूरिटी सर्विसेज, सीएंडसी कॉरपोरेट सर्विसेज लिमिटेड, इंटेलिजेंस सिक्यूरिटी ऑफ इंडिया, सिन्हा सिक्यूरिटी सर्विसेज, शौर्या एक्स सर्विसमेन सिक्यूरिटी सर्विसेज, फ्रंटलाइन (एनसीआर) बिजनेस सॉल्यूशन, मेसर्स मॉडर्न बीआर सिक्यूरिटी फोर्स (आइ) प्राइवेट लिमिटेड, अलाइट फाल्कॉस, मेसर्स ब्राइट इंटेलिजेंस एंड सिक्यूरिटी सर्विसेज, कोबरा इंडस्ट्रियल सिक्यूरिटी फोर्स, मेसर्स गोस्वामी सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, नियो सिक्यूरिटी सर्विस, सुखी सिक्यूरिटी सर्विस तथा जी 4 सिक्यूर सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड हैं.
आइएम के संदिग्ध ट्विटर हैंडल पर रोक
नयी दिल्ली : माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने उस खाते पर रोक लगा दी है, जिसमें दावा किया गया था कि वह इंडियन मुजाहिदीन(आइएम) का है. आइएम पर बोधगया सीरियल ब्लास्ट को अंजाम देने का संदेह है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि ट्वीट हैंडल ‘ऐट दि रेट इंडियन मुजाहिदीन’ का आइपी एड्रेस पाकिस्तान में पाया गया.
सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ता पता कर रहे हैं कि यह ट्विटर हैंडल असल है या नहीं, लेकिन संदेह भी है, क्योंकि यह खाता बोधगया में विस्फोटों से एक दिन पहले ही सक्रिय किया गया. जब जांचकर्ताओं ने उस स्थान का पता करने के लिए, जहां से संदेश अपलोड किया गया था, ट्विटर से संपर्क साधा, तो ट्विटर ने खाते पर रोक लगा दी.
अब दिलचस्पी उस जगह के बारे में जानने की है, जहां से संदेश दिया गया, क्योंकि पाकिस्तान की जगह का आना छद्म आइपी एड्रेस का नतीजा हो सकता है.ट्विटर खाते में दावा किया गया कि महाबोधि मंदिर में सात जुलाई की सुबह दस विस्फोट हुए.
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा था कि एनआइए सभी पहलुओं की जांच कर रही है. इसमें आइएम के दावे वाला ट्विटर खाता भी है.