मोकामा/ बाढ़: व्हाइट कॉलर अपराध के खिलाफ जारी पुलिस मुहिम के तहत पुलिस ने बाढ़ बाजार में छापेमारी कर नटवर लाल व्यापारी को गिरफ्तार कर लिया. व्यापारी के खिलाफ कोलकाता के व्यापारियों ने एसडीपीओ राजकिशोर सिंह के पास गुहार लगायी थी. बाढ़ इंस्पेक्टर मुरली मनोहर मांझी ने सुरेंद्र साव की गिरफ्तारी की पुष्टि की है.
पहले भरोसा जीता
बाढ़ बाजार निवासी सुरेंद्र साव ने पहले कोलकता के व्यापारियों का भरोसा जीता और जब बकाये भुगतान का दबाव पड़ा, तो रंगदारी पर उतर आया. एसडीपीओ राज किशोर सिंह ने बताया कि कोलकाता के सात व्यापारियों ने उनसे गुहार लगायी थी कि सुरेंद्र साव के यहां उनका 80 लाख रुपये बकाया है और तगादा करने पर मुकदमा में फंसाने की धमकी देता है. एसडीपीओ ने बताया कि सुरेंद्र साव ने पहले 35 लाख का दाल मंगवाया था.
माल सुरेंद्र साव के नाम से आया था, लेकिन नटवर लाल बनने की तैयारी कर रखे सुरेंद्र साव ने चालबाजी करते हुए सारा भुगतान अपने बेटे के एकाउंट से कराया. भरोसा जीत लेने के बाद पुन: 80 लाख का दाल मंगवा लिया और कुंडली मार कर बैठ गया. एसडीपीओ ने कहा कि जब व्यापारियों ने भुगतान का दबाव बनाया , तो सुरेंद्र साव ने अपने बेटे से 35 लाख की वसूली का दबाव बनाया. बेटा व्यापारियों को धमकाने लगा कि जो पैसा उसने दिया है वह या तो वापस किया जाये या फिर उतना का माल दिया जाये. व्यापारियों ने उसके कारनामों से आजिज होकर एसडीपीओ से गुहार लगायी. बाढ़ इंस्पेक्टर मुरली मनोहर मांझी ने व्यापारी को जेल भेज दिया.
व्यापारी के घर छापेमारी करने गये एसडीपीओ और बाढ़ इंस्पेक्टर भी व्यापारी की जालफरेब हरकतों से हतप्रभ रह गये. व्यापारी के यहां से सौ अलग-अलग लोगों के खिलाफ दायर परिवाद पत्र व सौ आरटीआइ दस्तावेज बरामद हुए. पुलिस टीम को वह लगातार हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक घसीटने की धमकी दे रहा था ताकि पुलिस आवेश में आ जाये. पूरी प्रक्रिया वह अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर रहा था और पुलिस ने माइक्रोमैक्स कंपनी का मोबाइल भी जब्त किया. जिसका वॉयस रिकार्ड ऑन था.
व्यापारी ने विभिन्न बैंकों से करोड़ो रुपये ऋण ले रखा है. बाढ़ इंस्पेक्टर मुरली मनोहर मांझी ने बताया कि कोलकाता के व्यापारियों के बयान पर एफआइआर किया गया था.