पटना: पटना के प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वर लाल के पिताजी गुरुवार को पीएमसीएच के इएनटी विभाग पहुंचे. इलाज के दौरान उनको ऑडियोमेट्री जांच की जरूरत पड़ी, लेकिन वहां ऑडियोलॉजिस्ट के नहीं रहने से उन्हें जांच के लिए बाहर जाना पड़ा. पीएमसीएच में ऑडियोलॉजिस्ट का पद वर्षो से खाली है.
ऐसे में पीएमसीएच में जांच कराने के लिए आनेवालों को रेड क्रॉस भेजा जाता है. वहीं इसकी जानकारी अधीक्षक को मिली, तो उन्होंने संबंधित विभाग के डॉक्टर से इसका कारण पूछा. जवाब में डॉक्टर ने कहा कि जब भी ऑडियोलॉजिस्ट की बहाली संविदा पर होनेवाली रहती है, तो उसके आवेदन की फाइल गुम हो जाती है. इस पर पीएमसीएच अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद ने बताया कि फिलहाल यहां ऑडियोमेट्री जांच नहीं हो रही है, लेकिन एक सप्ताह के भीतर विज्ञापन के माध्यम से इसके लिए आवेदन मांगा जायेगा और ऑडियोलॉजिस्ट की बहाली के बाद इसकी जांच शुरू हो जायेगी.
निदेशक प्रमुख की बात नहीं मानते अधिकारी
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख डॉ आरडी रंजन द्वारा पीएमसीएच व सभी सिविल सजर्नों से तृतीय व चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों व खाली पदों का रोस्टर एक दिसंबर को ही मांगा गया था, जिसे अब तक नहीं भेजा गया है. इसकी जानकारी मिलने पर गुरुवार को चिकित्सा कर्मचारी संघ पीएमसीएच के अधीक्षक व उपाधीक्षक से मिले. इस पर उन्होंने संबंधित क्लर्क को जल्द रोस्टर भेजने का निर्देश दिया. बिहार राज्य चतुर्थवर्गीय सरकारी कर्मचारी संघ के सह संयोजक बृजमोहन कुमार ने बताया कि अस्पताल प्रशासन राज्य सरकार को खाली पदों का रोस्टर भेजने में देर कर रहा है, जिससे नियुक्ति में बेवजह की देरी हो रही है. पीएमसीएच सहित विभिन्न सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मचारी टेंडर पर काम कर रहे हैं, जिसका फायदा अधिकारी व किरानी उठाते हैं. इस कारण से वे राज्य सरकार के आदेश को भी अनदेखी कर देते हैं. दूसरी ओर पीएमसीएच उपाधीक्षक डॉ सुधांशु सिंह ने बताया कि तृतीय व चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों व खाली पदों के रोस्टर को दो दिनों के अंदर राज्य सरकार को भेज दिया जायेगा.
कमिश्नर की अध्यक्षता में आज समीक्षा बैठक
पीएमसीएच में रोगी कल्याण समिति की बैठक शुक्रवार को पटना कमिश्नर नर्मदेश्वर लाल की अध्यक्षता में होगी. बैठक में उन बिंदुओं पर चर्चा होगी, जिन्हें अब तक पूरा हो जाना था. बैठक में प्राचार्य,अधीक्षक व उपाधीक्षक समेत विभाग के एचओडी भी मौजूद होंगे. इसके पूर्व बैठक तीन माह पूर्व हुई थी. प्राचार्य डॉ एस.एन.सिन्हा ने कहा कि बैठक हर तीन माह पर होती है. रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष कमिश्नर होते हैं.