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अतिपिछड़ों को नहीं मिली सत्ता में हिस्सेदारी

पटना: बिहार में अतिपिछड़ों ने 15 साल तक लालू प्रसाद और अब नीतीश कुमार को सत्ता दी. लेकिन, अतिपिछड़ी जातियों को राजनीतिक हिस्सेदारी अब तक नहीं मिल सकी है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी अतिपिछड़ों को समाज व राजनीति की मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयासरत हैं. जरूरत है बिहार में कांग्रेस […]

पटना: बिहार में अतिपिछड़ों ने 15 साल तक लालू प्रसाद और अब नीतीश कुमार को सत्ता दी. लेकिन, अतिपिछड़ी जातियों को राजनीतिक हिस्सेदारी अब तक नहीं मिल सकी है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी अतिपिछड़ों को समाज व राजनीति की मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयासरत हैं.

जरूरत है बिहार में कांग्रेस एक विकल्प के रूप में सामने आये. ये बातें अतिपिछड़ा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश पाल ने कहीं. उन्होंने कहा कि जब लालू प्रसाद व नीतीश कुमार दिल्ली में सोनिया गांधी के पास ही जाते हैं, तो हम सीधे कांग्रेस प्रमुख से राजनीतिक संबंध क्यों नहीं बनायें. श्री पाल सोमवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में महासंघ द्वारा आयोजित अतिपिछड़ा संवाद सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.

राजद-जदयू दोनों ने ठगा
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व सांसद राजाराम पाल ने कहा कि राजद व जदयू दोनों ने अतिपिछड़ों को ठगा है. अतिपिछड़ी जातियों के वोट से इनलोगों ने सत्ता हासिल की. लेकिन, इन्हें कभी वह सम्मान नहीं दिया, जिसके ये हकदार हैं. इसका कारण है कि अतिपिछड़ी जातियां इकट्ठी नहीं हैं. जात से हट कर जमात के रूप में इन्हें इकट्ठा होना चाहिए. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने अतिपिछड़ा व वंचित समाज का आह्वान किया कि वे कांग्रेस से जुड़ें. कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है, जो कमजोर वर्ग के लोगों को वाजिब हक देती रही है. सम्मेलन को राजदेव सिंह चंद्रवंशी, मदन मोहन महतो, शिवनाथ ठाकुर, सुरेंद्र पाल, सुरेश कुमार सुमन, जीएस रामचंद्र दास, लालबाबू लाल, जमाल अहमद, सुबोध कुमार, कृष्ण कुमार भट्टा, प्रवीण कुशवाहा, राज कुमार राजन, नागेंद्र कुमार विकल आदि ने संबोधित किया.

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