पटना: राज्य सरकार जनता से अरबों रुपये की ठगी करने वाली नॉन बैंकिंग कंपनियों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए 2002 से प्रचलित बिहार जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम 2002 में संशोधन किया जायेगा. इसके लिए अभी जनता से सुझाव मांगा गया है. इसके अलावा अन्य संस्थाओं से भी राय मांगी गयी है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी सरकार को आश्वासन दिया है कि उसकी ओर से प्रभावी कानून बनाया जा रहा है.
पांच अरब से अधिक की राशि ऊगाही किये जाने के मामले के प्रकाश में आने के बाद से सरकार के स्तर पर तीन बैठक हो चुकी है. सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अगर कोई भी नॉन बैंकिंग कंपनी उनकी अनुमति के बगैर जिला में कारोबार करती है तो उसके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करें. उनके कार्यालय में छापामारी कर उसे सील करें.
इधर वित्त विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई है. उसमें नॉन बैंकिंग कंपनियों पर पैनी नजर रखने का निर्णय लिया ही गया है साथ में सहकारिता विभाग को भी निर्देश दिया गया है कि उनके यहां निबंधित सहकारी सहयोग समितियां हैं उनका विशेष अंकेक्षण कराये.
हालांकि सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि कई कंपनियों का अंकेक्षण कराया गया है. दी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया कर्मचारी सहयोग समिति समेत अन्य समितियों का विशेष अंकेक्षण कराया जा रहा है. अंकेक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद उन पर कार्रवाई की जायेगी.