पटना: विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करनेवाला गिरोह का खुलासा उस समय हुआ, जब रूपसपुर पुलिस ने अभियंता नगर स्थित राधा स्वामी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 305 में छापेमारी की.
गिरोह का सरगना अमन प्रतीक (डेहरी ऑन सोन) भाग निकला. छापेमारी में पुलिस ने सात पासपोर्ट, एक लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन समेत फर्जी दस्तावेज बरामद किये हैं. इतना ही नहीं अमन ने अपने रूम पार्टनर एमबीए की तैयारी करनेवाले छात्र नीरज कुमार (औरंगाबाद) को बंधक बना कर उसका नाखून उखाड़ दिया और उसके साथ मारपीट की. बिजली के करंट लगा कर टॉर्चर करता था और नशे का इंजेक्शन देता था.
राधा स्वामी अपार्टमेंट हाइस्कूल के एक शिक्षक का है. नीरज वहीं रहता है. अमन प्रतीक आधा किराया पर उसका रूम पार्टनर बन गया था.
रूम में लाया था महिलाओं को
नीरज को अमन के धंधे की असलियत का पता उस समय चला, जब वह फ्लैट में वेश्यावृत्ति करनेवाली महिलाओं को लेकर आया था. उन्हीं से पता चला कि वह नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता है. इसके बाद नीरज ने अमन पर रूम छोड़ने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया, तो अमन ने उससे रंगदारी मांगने लगा. नीरज के अनुसार रंगदारी नहीं देने पर उसे तीन दिनों से बुरी तरह प्रताड़ित कर रहा था.
पड़ोसियों ने दी थी सूचना
अमन प्रतीक द्वारा नीरज को लगातार टॉर्चर किये जाने से उसकी स्थिति काफी खराब थी. नीरज के कराहने की आवाज की जानकारी अपार्टमेंट के लोगों को मिलने पर उसे कुछ शक हुआ. इस पर लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस तत्काल कार्रवाई करते हुए अपार्टमेंट पहुंची, तो उसका मेन दरवाजा बंद था. गेट तोड़ जब पुलिस अंदर गयी, तो सारा रहस्य खुला.
पासपोर्ट धारक जांच के घेरे में
पुलिस ने फ्लैट से लैपटॉप, मोबाइल फोन के अलावा सात पासपोर्ट भी बरामद किये हैं. ये पासपोर्ट बक्सर, आरा, धनबाद, जमशेदपुर व पटना के रहनेवाले लोगों के हैं. ये सभी लोग भी अब पुलिस की जांच के घेरे में हैं. पुलिस इस बात की जानकारी लेगी कि इन लोगों का पासपोर्ट अमन के पास कैसे पहुंचा और वे सभी क्या करते हैं.
आइएसआइ से जुड़ सकता है तार
एसएसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि अमन के आइएसआइ (पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी) से जुड़े होने की आशंका है. उसके पास से पासपोर्ट बरामद किया गया है. पासपोर्ट की जांच करायी जा रही है कि यह सही है या गलत है. इसके अलावा अमन के नेटवर्क की भी जानकारी ली जा रही है. बरामद लैपटॉप से भी काफी कुछ खुलासा हो सकता है. उन्होंने कहा कि संभव है कि ये पासपोर्ट आइएसआइ में भरती कराने की योजना के तहत भी बनाये गये होंगे.