पटना: बिहार सरकार ने बगहा में पुलिस गोलीबारी की जांच न्यायिक आयोग से कराने का निर्णय लिया है. इस गोलीबारी में छह लोगों की मौत हो गयी थी.
गृह विभाग के प्रधानसचिव आमिर सुबहानी ने आज बताया कि राज्य सरकार ने बगहा पुलिस फायरिंग की घटना की जांच न्यायिक आयोग से कराने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि इस न्यायिक जांच आयोग की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवारात अथवा अवकाश प्राप्त न्यायाधीश के नाम का प्रस्ताव देने के लिए गृह विभाग द्वारा पटना उच्च न्यायालय को पत्र भेजकर अनुरोध किया गया है.
सुबहानी ने बताया कि बगहा के पुलिस अधीक्षक एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को उनके पद से स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने बताया कि बगहा पुलिस अधीक्षक द्वारा नौरंगिया थाना अध्यक्ष को पहले ही निलंबित किया जा चुका है तथा जांच प्रतिवेदन में बाल्मीकिनगर के थानाध्यक्ष को भी कर्तव्य की उपेक्षा का दोषी पाया गया है. इसलिए दोनों थानाध्यक्षों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.
सुबहानी ने बताया कि इस घटना में मरने वालों और घायल व्यक्तियों की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए मानवीय दृष्टिकोण से प्रत्येक मृतक के आश्रित को तत्काल पांच लाख रुपये, गंभीर रुप से घायल व्यक्ति को पचास हजार रुपये तथा साधारण रुप से घायल प्रत्येक व्यक्ति को 25 हजार रुपये का अनुग्रह अनुदान का भुगतान किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के द्वारा पूर्व में भुगतान की गयी राशि उपरोक्त अनुग्रह अनुदान में से समायोजित की जायेगी। सरकार ने पूर्व में सभी मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान के तौर पर चार लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की थी.