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शरद के घर जुटे मंत्री, होती रही गुफ्तगू

अपने विवादस्पद बयान पर घिरे मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, गरमायी सियासत पटना : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान और फिर जदयू नेतृत्व द्वारा उन्हें सचेत किये जाने के बाद बिहार की राजनीति एक बार फिर गरम हो गयी है. गुरुवार को दिन भर कभी मांझी सरकार को अल्टीमेटम देने, तो कभी अंतिम मौका देने […]

अपने विवादस्पद बयान पर घिरे मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, गरमायी सियासत
पटना : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान और फिर जदयू नेतृत्व द्वारा उन्हें सचेत किये जाने के बाद बिहार की राजनीति एक बार फिर गरम हो गयी है.
गुरुवार को दिन भर कभी मांझी सरकार को अल्टीमेटम देने, तो कभी अंतिम मौका देने की बात होती रही. पटना में जदयू समेत विपक्षी दलों के नेता भी इस पर चुटकी लेते रहे, लेकिन गया में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इस सवाल से मीडिया से बचते रहे.
देर शाम जब जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव औरंगाबाद और पलामू के छत्तरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव प्रचार कर पटना लौटे तो हलचल बढ़ गयी. राजकीय अतिथिशाला में बिहार सरकार के कई मंत्री, विधायक, विधान पार्षद उनसे मिलने के लिए पहुंचे. शरद यादव लगातार उनसे गुफ्तगू करते नजर आये. गुरुवार की सुबह जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने मुख्यमंत्री को नसीहत दी. शाम में जब शरद यादव राजकीय अतिथिशाला पहुंचे तो सबसे पहले वित्त मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव उनसे मिलने पहुंचे.
उनके बाद शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल समेत अन्य कई नेताओं के साथ शरद यादव की बातचीत हुई.सूत्रों की माने तो शरद यादव ने जीतन राम मांझी द्वारा दिये जा रहे बयानों पर मंत्रियों व नेताओं से बात की. शुक्रवार की सुबह शरद यादव मधेपुरा के लिए रवाना होंगे जबकि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी दोपहर बाद अपने पैतृक गांव से पटना पहुंचेंगे.
पिछले बार भी शरद ने लिया था फीडबैक : पिछली बार जब शरद यादव पटना आये थे, तो मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी व पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच खटास की बात चल रही थी. शरद ने बिहार सरकार के मंत्रियों से भी मांझी सरकार का फीडबैक भी लिया था. उस समय भी मुख्यमंत्री अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में थे. शरद यादव ने उन्हें समझाया था और संभल कर बोलने की नसीहत भी दी थी. लेकिन इसके बाद पहले बेतिया में, फिर गोपालगंज और बुधवार को तो पटना में जो बयान दिया, उससे विपक्ष क्या पार्टी ने विधायकों व नेताओं को मुंह खोलने का मौका मिल गया.
विपक्ष का हमला नीतीश के इशारे पर दे रहे बयान: नंद किशोर
पटना. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पूर्व सीएम नीतीश कुमार के इशारे पर हर दिन भड़काऊ बयान दे रहे हैं. केंद्र के मंत्रियों को बिहार आने से रोकने की धमकी ताजा कड़ी है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और महासचिव केसी त्यागी तक मांझी को संयम बरतने की सलाह दे चुके हैं, लेकिन नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है. उक्त बातें गुरुवार को विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने कहीं.
उन्होंने कहा कि मांझी को पता है कि जदयू के नेताओं ने नहीं,बल्कि नीतीश कुमार ने उन्हें सीएम बनाया है. इसलिए वह उन्हीं के कहने पर काम कर रहे हैं. सच तो यह है कि नीतीश कुमार ने मांझी के बयानों पर चुप्पी साध कर उनका मौन समर्थन किया है. वह जानबूझ कर समाज में तनाव फैलाना चाहते हैं. संपर्क यात्रा के दौरान न तो वह मांझी के बयान पर कुछ बोल रहे हैं,न उनकी सरकार की उपलब्धि बता रहे हैं. सूबे में 18 महीने से विकास ठप है. अपराध बेलगाम बढ़ा है.
मांझी की जागीर नहीं बिहार : मंगल
केंद्रीय मंत्रियों के बिहार में नहीं घुसने देने संबंधी मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान पर भाजपा गरम है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा है कि बिहार जीतन राम मांझी की जागीर नहीं है, जो वह किसी को यहां आने से रोक देंगे. उन्होंने कहा है कि मांझी जब से अपने दल में उपेक्षित हुए हैं, तब से वह हास्यास्पद स्थिति में हैं. आज उन्हीं की पार्टी के विधायक मानसिक इलाज के लिए उन्हें कांके भेजने की सलाह दे रहे हैं. इस तरह के बयान दे कर मांझी बिहार की गरिमा को धूमिल कर रहे हैं. उन्होंने सीएम को बिहार की अस्मिता के साथ मजाक न करने की अपील की है. संवैधानिक पद पर रह कर वह असंवैधानिक बातें न करें,तो अच्छा होगा.
सुर्खियों में रहना चाहते हैं सीएम : प्रेम कुमार
पटना. पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमारने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के केंद्रीय मंत्रियों के बिहार न घुसने देनेवाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. गुरुवार को उन्होंने कहा कि केंद्र से विकास योजनाओं में मदद लेने की मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की कोई मंशा नहीं है. सच तो यह है कि वह विवादित बयान दे कर सुर्खियों में रहना चाहते हैं. संवैधानिक पद पर रहते हुए मांझी जी हमेशा विवादित बयान दे रहे हैं. मुख्यमंत्री क्या. कोई भी किसी केंद्रीय मंत्री को बिहार आने से नहीं रोक सकता. मुख्यमंत्री अपने विवादित व अमर्यादित बयानों से बिहार का अहित कर रहे हैं.
सवर्णो के खिलाफ निरंतर अमर्यादित बयान दे कर वे राज्य में जातीय उन्माद फैलाना चाहते हैं. इस तरह के बयान देने से उन्हें वोट नहीं, तिरस्कार मिलेगा.
अपने भी हुए नाराज
नीतीश कुमार ने बहुत मुश्किल से समाज को एक किया था. कुछ विवादास्पद बयानबाजी से समाज में विद्वेष भी फैल रहा था. इससे पार्टी भटकती है, तो बिहार टूट जायेगा. पार्टी नेतृत्व के बीच-बचाव में आने से इसमें अंकुश लगेगा.
संजय झा, जदयू नेता
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को पार्टी नेतृत्व द्वारा दी चेतावनी अच्छी पहल है. इसमें कुछ देरी हुई है, लेकिन देर आये दुरुस्त आये. यह फैसला पार्टी हित में है और अच्छा है. इससे पार्टी का भविष्य बेहतर होगा.
सुनील पांडेय, जदयू विधायक
जीतन राम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री हैं. जिस प्रकार उन्होंने बयानबाजी की वह सही नहीं है. पार्टी ने जो फैसला लिया है वह सही है. वह मुख्यमंत्री के रूप में बिहार व पार्टी के चेहरे हैं. उन्हें बयान देने से पहले सोचना चाहिए.
राज कुमार राय, जदयू विधायक
किसी मामले को लेकर जो बयानबाजी हो रही है. वह सही नहीं है. जो बातें मीडिया या खुले मंच से हो रही है. उसे पार्टी फोरम में होना चाहिए. जीतन राम मांझी तो हमारे मुख्यमंत्री ही हैं. अगर उनकी बात नागवार लगती है, तो पब्लिक में नहीं पार्टी फोरम में बात उठानी चाहिए.
वृशिण पटेल, शिक्षा मंत्री
सीएम जिस तरह से अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं. इससे बिहार कलंकित हो रहा है. सीएम जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. यह एक संवैधानिक व जिम्मेवार पद पर बैठे व्यक्ति को कतई शोभा नहीं देता है.
राजीव झा, कुमार ज्ञानेंद,
राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस
नीतीश को जाना चाहिए चुनाव प्रचार में : रघुवंश
पटना. राजद के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को झारखंड के चुनाव प्रचार में जाना चाहिए. झारखंड में महागंठबंधन के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. महागंठबंधन के उम्मीदवार सभी दल के नेताओं को तलाश रहे हैं.
उनके क्षेत्र में महागंठबंधन के बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार आवश्यक है.
रघुवंश प्रसाद सिंह, राजद नेता

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