पटना: डॉक्टर विजय कृष्ण के पिता हरिकृष्ण सिंह ने बोरिंग रोड के ठेकेदार राजकुमार सिंह पर अपने पुत्र को गायब करने की शंका जाहिर की थी. आरोप लगने के बाद से ही राजकुमार अंडर ग्राउंड हो गये हैं.
अंतिम बार उन्हें 21 अक्तूबर को एसके पुरी थाने में देखा गया था. पुलिस का शक पूरी तरह से गहरा गया है. अनुसंधान की सूई राजकुमार पर अटकी हुई है. जिस तरह वह पुलिस के सामने नहीं आ रहा है, पुलिस को आशंका है कि डॉक्टर के अपहरण का सच उन्हें मालूम है. इस मामले में पुलिस अब कुर्की की कार्रवाई करने की तैयारी में है.
हरिकृष्ण सिंह ने पुलिस को बताया था कि वे जब अपने पुत्र की गुमशुदगी होने के बाद श्रीकृष्णापुरी थाने में पहुंचे थे, तो राजकुमार सिंह वहां पहुंचा था और अपने मोबाइल फोन को पॉकेट से निकालने की प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए वहां आने की जानकारी दी थी. लेकिन वह व्यक्ति न तो थाने के किसी व्यक्ति से मिला और न ही किसी प्रकार का आवेदन पुलिस को दिया. इसके साथ ही उसने उनके पुत्र की शादी होने की तमाम जानकारी भी ले ली.
श्री सिंह ने बताया कि उक्त ठेकेदार के साले की बेटी से पहले शादी की बात हो रही थी. अचानक थाने में जानकारी लेकर उसके जाने के बाद उन लोगों को शक हुआ, क्योंकि वह उनके पुत्र की शादी के संबंध में इतनी जानकारी क्यों ले रहा था? इसके बाद जब उसे बुलाया गया तो वह नहीं आया और एक सांसद ने पुलिस से उसकी पैरवी की. उन्होंने कहा कि इतने दिनों बाद भी उनके पुत्र की बरामदगी नहीं हुई है. इससे शक और गहरा गया है.
गौरतलब है कि पुलिस ने डॉक्टर के पास रहे दोनों मोबाइल फोन की सीडीआर निकाली, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा.फोन का अंतिम लोकेशन भी छात्र के आवास का ही निकला था. 21 अक्तूबर को गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया था. विजय कृष्ण की बाइक गांधी सेतु पर लावारिस हालत में मिली थी.