पटना: कुछ ट्रेनें ऐसी हैं, जो कभी अपनी रफ्तार के लिए जानी जाती थीं. लेकिन, अब उनकी हालत यह है कि कब आयेंगी और कब खुलेंगी, इसका कोई अता-पता नहीं रहता है. कोई भी ऐसा दिन नहीं होता, जब जनता एक्सप्रेस, तूफान एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस, महानंदा एक्सप्रेस, जनसाधारण एक्सप्रेस आदि ट्रेनें दो से 12 घंटे तक लेट नहीं होती.
कभी-कभार समय से पहुंच जायें, तो अपने आप को खुशनसीब समङिाए. एक समय तूफान एक्सप्रेस का जलवा था. आज इसका कोई नाम लेनेवाला नहीं है. लालकिला, जनता, हिमगिरी, फरक्का, महानंदा, मगध, जनसाधारण, तूफान आदि ट्रेनों को यात्री ङोलू ट्रेन कह कर मजाक उड़ाते हैं. ये ट्रेनें लगभग हर दिन लेट होती हैं. न सिर्फ आने में, बल्कि यहां से खुलने में भी विलंब होता है.
क्यों होती हैं लेट
रेल प्रशासन की मानें, तो ट्रेनों के विलंब होने का मुख्य कारण है लेट से आना. जब कोई ट्रेन लेट से आती है, तो वह मेंटेनेंस के बाद ही खुलती है. मेंटेनेंस होने में करीब 5-6 घंटे का समय लगता है. ऐसी स्थिति में लेट होना स्वाभाविक है. अधिकारियों की मानें, तो एक कारण यह भी है कि जिस अनुपात में ट्रेनें बढ़ी हैं, उसके अनुसार ट्रैक का विस्तार नहीं हो सका. अब भी मात्र दो ही ट्रैक अप व डाउन हैं, जिन पर ट्रेनों का परिचालन होता है. जबकि, मुंबई, कोलकाता व नयी दिल्ली जैसे शहरों में चार-चार ट्रैक बन गये हैं.