पटना: राज्य के नौ जिलों में इस बार लोगों को आयरनमुक्त पानी मिलेगा.लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने आयरन युक्त पानीवाले इलाकों के 3,920 चापाकलों में आयरन रिमूवल यूनिट अटैचमेंट यंत्र लगायेगा. इस पर 28. 62 लाख रुपये खर्च होंगे. राज्य के ऐसे नौ जिलों में राष्ट्रीय ग्रामीण पेय जल कार्यक्रम के तहत चापाकल लगाये गये हैं. इस योजना पर केंद्र सरकार ने 2507. 53 लाख रुपयों की राशि मुहैया करायी थी.
केंद्रीय राष्ट्रीय ग्रामीण पेय जल कार्यक्रम के तहत नौ जिलों में चापाकल तो लग गये, किंतु आयरन रहित पानी की आपूर्ति का प्रबंध नहीं हो पाया था. इसके लिए बिहार सरकार को पहल करनी थी. लोक स्वास्थ्य विभाग इस यंत्र को जुलाई के प्रथम सप्ताह तक लगा देने का टारगेट निश्चित किया है.
बरसात में बढ़ जाती है आयरन की मात्र
बरसात के मौसम में भू-गर्भ जल में आयरन की मात्र बढ़ जाती है. ऐसे पानी के इस्तेमाल पर पेचिस, डायरिया और दंत रोग जैसी बीमारी हो जाती है. बाढ़ग्रस्त जिलों में ऐसे मरीजों की संख्या अधिक होती है. चापाकल में यंत्र समय से लगे पंचायतों के मुखियाओं, वार्ड सदस्य, जिला पर्षद को भी विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है.