पटना: पीएमसीएच में ऑक्सीजन नहीं देने की वजह से मोकामा के रोशन के मौत मामले में शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्री को सौंप दी है, जिसमें सीनियर रेजिडेंट डॉ रश्मि अग्रवाल व सीनियर रेजिडेंट सरोज कुमार एवं नर्स शांति देवी पर गाज गिरेगी. सूत्रों की मानें तो इस पर मंत्री की भी मुहर लग गयी है.
इस मामले में जांच टीम ने तीनों को भी दोषी माना है. पीएमसीएच के शिशु विभाग के 31 नंबर बेड पर ब्लड इंफेक्शन के बाद भरती रोशन (नौ साल) की मौत 17 सितंबर को साढ़े दस बजे ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण दम घुटने से हो गयी थी. घटना के बाद आरोपित सुभाष प्रसाद को जेल भेज दिया गया था और उसके ऊपर विभागीय कार्रवाई चल रही है. इसी बीच स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार के दिशा-निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया था, जिसमें डायरेक्टर इन चीफ सुरेंद्र प्रसाद, ओएसडी शंकर प्रसाद थे. शुक्रवार को जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. सूत्रों की मानें तो डॉ रश्मि अग्रवाल, डॉ सरोज व नर्स शांति देवी का निलंबन भी हो सकता है.
100 के लिए चली गयी थी रोशन की जान
बच्चे की मौत के बाद देर रात परिजनों ने ऑक्सीजन भंडार के इंचार्ज सुभाष प्रसाद पर ऑक्सीजन के लिए पैसा मांगने का आरोप लगाया और हंगामा किया. घटना के बाद वार्ड में भरती सभी मरीज के परिजनों ने एक साथ मिल कर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की, लेकिन सुरक्षा कर्मचारियों ने सभी को पीट कर बाहर निकाल दिया था. बच्चे के पिता सुरेंद्र साव ने बताया कि बच्च ऑक्सीजन पर था और जब दोबारा ऑक्सीजन लिए वह भंडार में गया, तो उसे इंचार्ज सुभाष प्रसाद ने 100 रुपये की मांग कर दी. हमने कहा कि पैसा किस बात का, तो उसने कहा कि पैसे के बिना ऑक्सीजन नहीं मिलेगा. काफी हंगामा करने के बाद बाहर पड़ा एक ऑक्सीजन सिलिंडर वार्ड में भेज दिया, जिसके ऊपर मार्कर से 81 लिखा था. सिलिंडर लगाने की बात जब हुई, तो फिर से पैसा मांगने लगा और पैसा नहीं देने पर सिलिंडर वापस लेकर जाने लगा. इसी दौरान ऑक्सीजन खत्म हो गया और बच्च दम घुटने से मर गया.
ये हैं घटनाक्रम
16 सितंबर
शिशु विभाग में भरती हुआ रोशन
ब्लड इंफेक्शन (सेप्टीसिमिया) से था पीड़ित
सांस लेने में परेशानी थी, ऑक्सीजन सिलिंडर लगा हुआ था
17 सितंबर
देर रात साढ़े दस बजे बच्चे की मौत हो गयी
समय पर दोबारा ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं लगाया गया
परिजन साढ़े ग्यारह में पीरबहोर पहुंचे, पर मामला दर्ज नहीं किया गया
रात 11.40 बजे उसे पीएमसीएच टीओपी भेजा गया
परिजन 12 बजे रात में दोबारा पीरबहोर थाने पर पहुंचे
फिर भी मामला दर्ज नहीं हुआ, लेकिन पुलिस पीएमसीएच पहुंची