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अटकी छात्रों की छात्रवृत्ति:पिछड़ा-अतिपिछड़ा छात्रवृत्ति योजना से मिलनी थी राशि

रविशंकर पटना:साल भर पहले कल्याण विभाग में हुई फर्जी निकासी की मार 50 प्रतिभावान विद्यार्थियों को ङोलनी पड़ी. कल्याण विभाग की पिछड़ा-अतिपिछड़ा छात्रवृत्ति योजना के तहत सैकड़ों विद्यार्थियों ने आवेदन दिया था, लेकिन लगभग 50 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की राशि कोर्स बीत जाने के बावजूद नहीं मिली. वे लगातार कल्याण विभाग के दफ्तर से लेकर […]

रविशंकर

पटना:साल भर पहले कल्याण विभाग में हुई फर्जी निकासी की मार 50 प्रतिभावान विद्यार्थियों को ङोलनी पड़ी. कल्याण विभाग की पिछड़ा-अतिपिछड़ा छात्रवृत्ति योजना के तहत सैकड़ों विद्यार्थियों ने आवेदन दिया था, लेकिन लगभग 50 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की राशि कोर्स बीत जाने के बावजूद नहीं मिली. वे लगातार कल्याण विभाग के दफ्तर से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के चक्कर काटते रहे, लेकिन उन्हें ठोस जवाब नहीं मिला. अब जाकर उनकी समस्याओं का समाधान होना शुरू हुआ है.

क्या है मामला

वित्तीय वर्ष 2012-13 में जिला योजना शाखा के अलावा विभिन्न विभागों में सरकारी चेक पर फर्जी हस्ताक्षर से लाखों की निकासी का मामला प्रकाश में आया था. जुलाई, 2013 में जिला कल्याण पदाधिकारी पवन कुमार मिश्र ने जब खातों की जांच करायी, तो बड़ा घपला प्रकाश में आया.

कल्याण शाखा से 50 चेकों की एक चेकबुक ही गायब थी और उसके 12 चेकों से रांची में अरविंद कुमार व प्रवीण कुमार के नाम से 86 लाख की फर्जी निकासी हुई थी. उन पर श्री मिश्र के ही जाली दस्तखत किये गये थे. जैसे ही इसका पता चला आनन-फानन में कल्याण विभाग के सारे खातों को सील करा दिया गया. इसी लपेटे में छात्रवृत्ति के चेक भी आ गये. कई तो कॉलेज से ही लेट से पहुंचे और कई चेक इधर-उधर हो गये. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी अरविंद और प्रवीण आज तक पकड़े नहीं जा सके हैं.

घर से लगाये कोर्स के पैसे

मोकामा के राजेश कुमार का इस छात्रवृत्ति योजना के लिए वर्ष 2012-13 में चयन हुआ था. राजेश ने राजस्थान के भरतपुर स्थित गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया. पहले वर्ष की फीस 52,250 रुपये थी. वह इंतजार करता रहा, लेकिन छात्रवृत्ति नहीं मिली. जब दबाव काफी बढ़ गया, तो राजेश ने घरवालों को किसी तरह पैसा जुगाड़ करने के लिए कह कर फीस का भुगतान किया. राजेश ने डीएम के जनता दरबार में भी फरियाद की, लेकिन उसकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सका.

पास होने के बाद भी नहीं मिली राशि

गायघाट की संगीता कुमारी ने 2 अक्तूबर, 2012 को छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. उसे 64891 रिफरेंस नंबर भी मिला, चयन भी हो गया. 2013 में वह बीए पास भी कर गयी, लेकिन छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिली. संगीता ने पटना कॉलेज के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय से बीए पास किया और अभी भी कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति लेने के लिए आ रही है.

घोटाला प्रकाश आने के बाद हमने तुरंत बैंक खातों को सील कराया था. इसके कारण कुछ विद्यार्थी प्रभावित हो गये थे. विद्यार्थियों के लिए स्पेशल कैंप लगा कर हम राशि उपलब्ध करा रहे हैं. सभी को एक-दो दिनों के भीतर छात्रवृत्ति की राशि उपलब्ध करा दी जायेगी.

पवन कुमार मिश्र , जिला कल्याण पदाधिकारी

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