पटना: आइजीआइएमएस इमरजेंसी में बेड की कमी का पूरा फायदा बिचौलिये उठा रहे हैं. इमरजेंसी में भरती होने आये मरीजों को वे गेट से ही निजी अस्पतालों में लेकर भाग रहे हैं.
मरीजों को निजी अस्पतालों तक पहुंचाने का काम एंबुलेंस के चालक या अस्पताल में काम करनेवाले चिकित्सकों व कर्मचारियों के माध्यम से खुलेआम चल रहा है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि जिनके यूनिट में मरीज को भरती होना है, वही चिकित्सक निजी नर्सिग होम में भी इलाज करेंगे.
इसकी जानकारी मरीज के परिजनों को दलालों के माध्यम से पहले ही मिल जाती है और वह भी परेशानी से बचने के लिए दलालों के इस प्रस्ताव को मान कर उनके साथ चल देते हैं. सोमवार को ऐसे दो मरीजों को निजी नर्सिग होम में भरती कराया गया. इनमें एक दरभंगा का था, तो दूसरा बेगूसराय का. हालांकि संस्थान के एमएस ने इस तरह के मामलों से इनकार किया है.
इमरजेंसी में बेड की कमी होने के कारण कभी-कभी मरीजों को भरती करने में परेशानी होती है, लेकिन ऐसा नहीं है कि मरीज को देखे बिना उसे बाहर भेज दिया जाता है. जहां तक दलालों की बात है, उसे पकड़ने लिए एक टीम गठित है, जो नियमित रूप से इमरजेंसी व वार्ड का मुआयना करती है.
डॉ एसके शाही, एमएस