जिला पर्षद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा, पक्ष में दो व विरोध में एक वोट पड़ा
नोटिस लानेवाले 12 पार्षदों में मात्र एक ने ही प्रस्ताव के पक्ष में डाला वोट
पटना : पटना की जिला पर्षद अध्यक्ष नूतन पासवान को फिर साल भर के लिए अभयदान मिल गया है. शनिवार को हुई विशेष बैठक में उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बुरी तरह गिर गया.
विपक्ष तो दूर, अविश्वास का नोटिस देनेवाले 12 पार्षदों ने भी वोटिंग नहीं की. पक्ष-विपक्ष मिला कर सिर्फ तीन वोट पड़े. उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता कर रही पार्षद कविता देवी ने प्रस्ताव के पक्ष में एकमात्र वोट डाला, जबकि अध्यक्ष नूतन पासवान व बाढ़ की पार्षद सुनीता देवी ने विपक्ष में दो वोट डाले. अगले एक साल तक अब नूतन पासवान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा.
नोटिस देनेवाली कविता ने की अध्यक्षता
वोटिंग के लिए दोपहर एक बजे बैठक शुरू हुई. मगर सवा एक बजे तक पार्षद पहुंचते रहे. बैठक में अध्यक्ष सहित कुल दस पार्षद शामिल हुए. बैठक के लिए निर्धारित हॉल में एडीएम विधि व्यवस्था सांवर भारती भी पहुंच गये. उनके साथ उप निर्वाचन अधिकारी बैजूनाथ सिंह व एडीएम आपूर्ति अजय कुमार भी उपस्थित थे. करीब डेढ़ बजे बैठक की कार्यवाही शुरू हुई. बैठक की अध्यक्षता करने के लिए अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देनेवाले पार्षदों में से एक कविता देवी को चुना गया.
सात पार्षदों ने किया वोटिंग का बहिष्कार
हॉल में मात्र आधा घंटा रहने के बाद सात पार्षद मोकामा के मुकेश कुमार, पालीगंज के रविश कुमार, मोहली फतुहा की बसंती देवी, नौबतपुर की शांति देवी, दानापुर के ओमप्रकाश राय, पुनपुन के अरविंद सिंह व राम टहल कुमार वोटिंग का बहिष्कार करते हुए बाहर निकल गये. ये वही पार्षद हैं, जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव लाया था. इन पार्षदों ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष ने बैठक की सूचना सही समय पर नहीं दी. ऐसी स्थिति में बैठक का कोई औचित्य नहीं बनता है.
सात पार्षदों के बहिष्कार के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई. इसमें प्रस्ताव के पक्ष में अध्यक्षता कर रही नौबतपुर की पार्षद कविता देवी ने वोटिंग की. जबकि अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में दो वोट पड़े. इस तरह, 24 वोट के जादुई आंकड़े से काफी दूर रह जाने की वजह से प्रस्ताव गिर गया और अध्यक्ष की कुरसी बरकरार रह गयी.