पटना : बिहार सरकार राज्य के 32.86 लाख गरीब परिवारों को मकान उपलब्ध करायेगी. इसके लिए राज्य सरकार ने 120 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में यह प्रस्ताव मंजूर किया गया.
कैबिनेट की बैठक ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रतीक्षा सूची से छूटे हुए योग्य परिवारों को इसका लाभ दिया जायेगा. साथ ही मुजफ्फरपुर जिले के पांच एइएस पीड़ित प्रखंड बोचहा, कांटी, मीनापुर, मोतीपुर और मुसहरी के सुयोग्य परिवारों को भी मकान दिया जायेगा. इसके लिए प्रति आवास के निर्माण पर एक लाख 20 हजार रुपये दिये जायेंगे.
उन्होंने बताया कि सामाजिक आर्थिक एवं जातीय जनगणना के बाद प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) से छूटे हुए लोगों को यह आवास केंद्र की स्वीकृति की प्रत्याशा में आरंभ किया जायेगा. इसकी विस्तृत योजना तैयार की जा रही है. उन्होंने बताया कि राशि की उपलब्धता के आधार पर मकानों का निर्माण कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत एक जनवरी, 1996 के पहले से आवास योजना के तहत कलस्टर में निर्मित अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजाति व अति पिछड़ा वर्ग के परिवारों के जीर्ण-शीर्ण अावासों के निर्माण के लिए सहायता राशि दी जायेगी. ऐसे परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता नहीं रखते हैं.
आइजीआइएमएस में शुरू होगी वंशानुगत बीमारियों की जांच
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना में वंशानुगत बीमारियों से संबंधित जांच शुरू होगी. संस्थान में एडवांस मॉलिक्यूलर माइक्रोबायोलॉजी और मॉलिक्यूलर जीनोमिक्स लैब की स्थापना के लिए कैबिनेट ने मशीन व उपकरण की खरीद के लिए 78.50 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इस योजना की प्रशासनिक व व्यय की स्वीकृति कैबिनेट ने दे दी है.
जीएमसीएच पूर्णिया में अब होंगे 500 बेड
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, पूर्णिया में स्वीकृत 300 बेडों के अस्पताल को 500 बेडों के अस्पताल में उन्नयन किया जायेगा. इसके लिए कैबिनेट ने तकनीकी अनुमोदन के आधार पर वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 87 करोड़ 78 लाख 24 हजार की प्रशासनिक स्वीकृति दी है. इसके भवन का निर्माण बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड की ओर से कराया जायेगा.