Advertisement
पटना :पार्षदों ने कहा-हमें दो पांच लाख, वेतन बढ़ाओ
राज्य वित्त आयोग की बैठक : राशि खर्च करने की बाध्यता को भी खत्म करने की मांग पटना : छठे राज्य वित्त आयोग के समक्ष पटना नगर निगम के पार्षदों ने वार्डों के विकास के लिए अपने स्तर से सालाना पांच लाख खर्च करने के लिए राशि मुहैया कराने, मानदेय बढ़ाने, राशि खर्च करने में […]
राज्य वित्त आयोग की बैठक : राशि खर्च करने की बाध्यता को भी खत्म करने की मांग
पटना : छठे राज्य वित्त आयोग के समक्ष पटना नगर निगम के पार्षदों ने वार्डों के विकास के लिए अपने स्तर से सालाना पांच लाख खर्च करने के लिए राशि मुहैया कराने, मानदेय बढ़ाने, राशि खर्च करने में मद की बाध्यता खत्म करने सहित अन्य मांगें रखीं. हालांकि वार्ड संख्या 32 की पार्षद पिंकी यादव ने पार्षद निधि में 50 लाख राशि देने की मांग की.
पार्षदों ने कहा कि निगम को मिलनेवाली राशि वित्तीय साल के शुरू में ही मिलनी चाहिए, ताकि उस राशि से काम कर सकें. राशि देर से मिलने पर काम नहीं होने की स्थिति में उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देने पर अगली राशि बाधित हो जाती है. पार्षदों ने अस्पताल संचालन की जिम्मेदारी नगर निगम को मिलने की बात कही.
दिया गया प्रेजेंटेशन
नगर निगम के बांकीपुर अंचल के सभागार में छठे राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष नवीन कुमार व सदस्यों के समक्ष पटना नगर निगम की वित्तीय स्थिति, मानव बल, विभिन्न स्रोतों से प्राप्त राजस्व, शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए चल रही योजनाओं, समस्याओं सहित अन्य बिंदुओं पर प्रेजेंटेंशन हुआ. इसमें 2015-20 में 14वें वित्त आयोग व पांचवें राज्य वित्त आयोग से प्राप्त राशि, केंद्रीय योजनाओं से प्राप्त राशि, टैक्स कलेक्शन, योजनाओं का संचालन आदि प्रस्तुत किया गया.
बैठक में निगम के कंसल्टेंट आनंदवर्द्धन व सीए रौशन कुमार ने प्रेजेंटेंशन प्रस्तुत किया. बैठक में महापौर सीता साहू, उप महापौर मीरा देवी, अपर नगर आयुक्त शीला इरानी, वित्त विभाग के सचिव बीके तिवारी, नगर विकास व आवास विभाग के उप सचिव केडी प्रज्ज्वल, प्रभारी नगर आयुक्त देवेंद्र प्रसाद तिवारी सहित अन्य उपस्थित थे.
निगम को मिली कम राशि का उठाया मुद्दा
आयोग के समक्ष कम राशि मिलने का मामला उठाया गया. 2016 से 2019 तक स्वच्छता के मद में निगम को स्वीकृत 459़ 56 करोड़ में 373़ 97 करोड़ की राशि लंबित है.
2019-20 में स्वीकृत पांचवें वित्तीय आयोग द्वारा स्वीकृत 117.16 करोड़ में मात्र 88़ 58 करोड़ रुपये निगम को प्राप्त हुआ. राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत स्वच्छता अनुदान की 13़ 33 करोड़, ठोस कचरा प्रबंधन 164़ 73 करोड़, छठ पूजा के लिए 8़ 56 करोड़ सहित 283़ 47 करोड़ की राशि लंबित है. पार्षद डॉ आशीष सिन्हा ने लंबित राशि का भुगतान करने का अनुरोध किया. पूर्व उप महापौर विनय कुमार पप्पू ने कहा कि पार्षदों को खर्च करनेवाली राशि मद की बाध्यता खत्म होनी चाहिए.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement