पटना: राज्य में बोल्डर की ढुलाई पर पूर्णत: रोक लग गयी है. अब सिर्फ सरकारी कार्यो के लिए डीएम की अनुमति के बाद ही बोल्डर की ढुलाई की जा सकती है. प्रधान सचिव (कै बिनेट) ब्रजेश मेहरोत्र ने बताया कि लोगों को चिप्स ले जाने की अनुमति दी गयी है.
उन्होंने बताया कि खनिज पट्टे के लिए न्यूनतम क्षेत्रफल 25 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है. इस 25 हेक्टेयर के अंदर ही उत्खनन कार्य करना है. उसी के अंतर्गत क्रशर मशीनों की स्थापना भी करनी है. क्रशर मालिक अब चिप्स का भंडारण भी उसी के अंतर्गत करेंगे. चिप्स का भंडारण उत्खनन स्थल क्षेत्र में ही करना है. उन्हें बाहर या दूसरे स्थानों पर भंडारण करने की अनुमति नहीं होगी. कोई भी पट्टा अब न्यूनतम पांच वर्षो के लिए दिया जायेगा. इसी तरह बालू के उत्खनन के लिए तीन मीटर या जब तक पानी नहीं मिले, तक खुदाई की अनुमति होगी.
डॉ राम कुमार हिमांशु बरखास्त : सरकार ने डॉ रामकुमार हिमांशु, तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, पीएचसी, कोइलवर (वर्तमान में पीएमसीएच में सहायक प्राध्यापक,शिशु रोग ) को सेवा से बरखास्त कर दिया है.
कैबिनेट ने सेवानिवृत्त सहायक श्रमायुक्त संतलाल चौधरी की शत प्रतिशत पेंशन व उपादान की राशि जब्त करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. इसी तरह से डॉ कुमुद कामिनी, चिकित्सा पदाधिकारी, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रफीगंज,औरंगाबाद को सरकारी सेवा से बरखास्तगी की मंजूरी दी गयी है.
वीएन सिन्हा विधिक आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत : राज्य कैबिनेट ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के लिए उच्च न्यायालय, पटना में कार्यरत न्यायमूर्ति विजयेश्वर नारायण को कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत करने के प्रस्ताव की स्वीकृति दी है.
कई विभागों की नियमावली पर मुहर : मंगलवार को कैबिनेट ने बिहार भवन निर्माण विभाग के प्रारूपक संवर्ग (क्षेत्रीय या मुख्यालय स्थापना) नियमावली 2014 के गठन को स्वीकृति दी. साथ ही योजना एवं विकास विभाग के स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के लिपिकीय संवर्ग (भरती एवं सेवा शर्त) नियमावली 2014 को स्वीकृति दी गयी.
आइटीआइ के 220 अनुदेशकों का अवधि विस्तार
श्रम संसाधन विभाग के अंतर्गत चलने वाले औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 2010 में संविदा पर नियोजित व्यवसाय अनुदेशकों के 222 के नियोजन की अवधि विस्तार करने की अनुमति दी है. सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग के दो संकल्पों को शिथिल करते हुए कहा है कि इन अनुदेशकों को एक जून, 2014 से 31 मई, 2015 तक (एक वर्ष) या बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा इन पदों पर नियमित नियुक्ति होने तक जो भी पहले घटित होगा के लिए अवधि विस्तार देने पर सहमति बनी.
उपेंद्र महारथी संस्थान के प्रशिक्षुओं की छात्रवृत्ति में वृद्धि
उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान पटना में प्रशिक्षुओं का छात्रवृत्ति दर 800 रुपये प्रति माह कर दिया है. साथ ही छात्रावास में रहनेवाले प्रशिक्षणार्थियों के लिए भोजन व अल्पाहार के लिए 1500 रुपये प्रति माह का निर्धारण किया गया है. कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए 967200 रुपये खर्च की स्वीकृति भी दी.
प. गंडक नहर प्रणाली के लिए 20 अरब 61 करोड़ स्वीकृत
पश्चिमी गंडक नहर प्रणाली (सारण मुख्य नहर व वितरण प्रणाली) के रिनोवेशन कार्य योजना के शेष कार्य के लिए 20 अरब 61 करोड़ 82 लाख रुपये की स्वीकृति दी गयी है. साथ ही वित्तीय वर्ष 2014-15 में इस कार्य के लिए 45 करोड़ 75 लाख रुपये खर्च करने की अनुमति दी गयी है.