साकिब, पटना : पीएमसीएच में रोजाना चादर नहीं बदली जाती है, मांगने पर सिस्टर बोलती है कि कभी-कभी अपनी चादर भी यूज किया करो. आज जिद करने पर यह चादर मिली है. बच्चे का ऑपरेशन हुआ है. रोज पानी गिरता है, लेकिन यहां से चादर नहीं मिलती. यह पीड़ा है पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के वार्ड में भर्ती एक मां की. नियम से बच्चे के बेड पर रोजाना चादर बदलनी चाहिए. लेकिन जिद करने के बाद भी चादर नहीं मिलती, उल्टे सिस्टर की डांट मिलती है.
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चादर मांगने पर सिस्टर बोलती है कि कभी-कभी अपनी भी यूज किया करो
साकिब, पटना : पीएमसीएच में रोजाना चादर नहीं बदली जाती है, मांगने पर सिस्टर बोलती है कि कभी-कभी अपनी चादर भी यूज किया करो. आज जिद करने पर यह चादर मिली है. बच्चे का ऑपरेशन हुआ है. रोज पानी गिरता है, लेकिन यहां से चादर नहीं मिलती. यह पीड़ा है पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग […]
चार दिनोें तक बिछी रहती है एक ही चादर: एक ही चादर दो से चार दिनों तक बिछी रहती है. परिजन मिन्नत करते हैं, तब जाकर नयी चादर मिलती है. सोमवार को हमने शिशु रोग विभाग के वार्ड में पाया कि ज्यादातर बेडों पर गंदी चादरें हैं. अलग-अलग बेड पर अलग रंगों की चादर बिछी थी, जबकि एक ही रंग की चादर होनी चाहिए. नियम है कि सप्ताह के अलग-अलग दिन अलग रंगों की चादर होनी चाहिए.
सुनें इनकी पीड़ा
गुरुवार को चादर नहीं बदली गयी थी, मांगने पर भी नहीं मिली. बोला गया कि सुबह-सुबह क्यों नहीं मांगी चादर.
नीलम देवी, परिजन
आठ रोज से यहां हूं. चार दिन से एक ही चादर बिछी हुई है. बदलने के लिए मांगा, तो बोला गया कि धोबी लायेगा तब मिलेगी.
जवाहर यादव, परिजन
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