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ट्रेनिंग खत्म होने की तिथि से वेतनवृद्धि पर विचार हो : पटना हाइकोर्ट
हाइकोर्ट. डीएलएड परीक्षा का अंकपत्र देने में देरी के मामले में शिक्षकों को राहत पटना : पटना हाइकोर्ट ने डीएलएड परीक्षा के अंकपत्र और सर्टिफिकेट देने में देर किये जाने के मामले में सुनवाई करते हुए हजारों प्राथमिक शिक्षकोंको राहत दी है. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह डीएलएड परीक्षा के सफल […]
हाइकोर्ट. डीएलएड परीक्षा का अंकपत्र देने में देरी के मामले में शिक्षकों को राहत
पटना : पटना हाइकोर्ट ने डीएलएड परीक्षा के अंकपत्र और सर्टिफिकेट देने में देर किये जाने के मामले में सुनवाई करते हुए हजारों प्राथमिक शिक्षकोंको राहत दी है. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह डीएलएड परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों के वेतन बढ़ोतरी की तारीख को उक्त परीक्षा के अंकपत्र या सर्टिफिकेट निर्गत होने की तिथि से न मानकर उनके डीएलएडट्रेनिंग खत्म होने की तारीख सेवेतन बढ़ोतरी का लाभ देने पर विचार करे.
न्यायमूर्ति प्रभात कुमार झाकी एकलपीठ ने बंसीधर बृजवासीव अन्य की रिट याचिका को निष्पादित करते हुए उक्त आदेश दिया. विदितहो कि बिहार के हजारों प्राथमिक शिक्षकों का डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन के सत्र 2013-15 के लिए ट्रेनिंग 2017 में पूरी हो गयी. इसके बाद भी परीक्षा समिति ट्रेनिंग पूरा करने वाले हजारों शिक्षकों की परीक्षा नहीं लेपा रही थी.
अंततः हाइकोर्ट के आदेश पर नवंबर, 2018 में परीक्षा हुई, जिसका रिजल्ट इस वर्ष मार्च महीनेमें निकला. रिजल्ट निकलने के छह माह गुजर जाने के बाद भी परीक्षामें सफल हुए शिक्षकों का अंकपत्र व सर्टिफिकेट अभी तक नहीं मिल पाया है. 18 नवंबर को सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने आदेश दिया थाकि अगर 25 नवंबर तक अंकपत्र निर्गतनहीं किया गया, तो बोर्ड के संयुक्त सचिव कोर्ट में उपस्थित रहेंगे.
सुनवाई के समय कोर्ट से बोर्ड ने कुछ और समय की मांग की, तब हाइकोर्ट
ने कहा की जब सर्टिफिकेट निर्गत करने में देर हो रही है, तो शिक्षकों के प्रोमोशन व इंक्रीमेंट को उनके ट्रेनिंग खत्म होने की तारीख से देने पर सरकार विचार करे.
लोहे की अलमारी के कारखानों से हो रहे वायु प्रदूषण के लिए कमेटी गठित
पटना : पटना हाइकोर्ट ने राजधानी में लोहे की अलमारी के कारखानों के कारण बेकाबू होते ध्वनि और वायु प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए दो वकीलों की एक जांच समिति गठित करने का निर्देश सरकार को दिया है.
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सलीमुल्लाह और सरोज कुमार द्वारा दायर दो लोकहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. अधिवक्ता संकेत कुमार और पतंजलि ऋषि इस जांच समिति के सदस्य होंगे. कोर्ट ने इस कमेटी को दो सप्ताह में पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. हाइकोर्ट ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश देते हुए कहा कि वह जांच समिति को सभी कागजात व कार्रवाइयों का ब्योरा देकर जांच के दौरान सहयोग करे. इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जायेगी.
पटना : हाइकोर्ट ने राज्य में विद्युत शवदाह गृह को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को पूरी जानकारी तीन सप्ताह में पेश करने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने मुकेश रंजन और विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को यह बताने को कहा है कि राज्य में कितने विद्युत शवदाह गृह हैं.
उनमें से कितने चालू हालत में हैं और कितने बंद पड़े हुए हैं. कोर्ट को बताया गया कि भागलपुर, मोकामा व मुंगेर में विद्युत शवदाह गृह के लिए 2017 में ही राशि आवंटित कर दी गयी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता गुड्डू बाबा को शवदाह गृहों का निरीक्षण कर अगली सुनवाई पर कोर्ट को पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा. अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी.
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