पटना : राज्य के विभिन्न जिलों में सरकारी शेल्टर होम मुख्यमंत्री वृहद आश्रय गृह का निर्माण के लिए जिलों में जमीन खोजने का टास्क डीएम को दिया गया है. यहां चल रहे सभी चाइल्ड केयर संस्था को बंद किया जायेगा. जिलों में बनने वाला आश्रय गृह पांच एकड़ में फैला होगा. गुरुवार को विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें इस पर चर्चा हुई.
बैठक के बाद सभी डीएम को पत्र के माध्यम से जिलों में जमीन तलाशने का दिशा-निर्देश भेजने का निर्णय लिया गया. अधिकारियों के मुताबिक योजना में कुछ ऐसी बिंदु थी, जिस पर दोबारा विभागीय चर्चा के बाद फाइल विकास आयुक्त ने नवंबर में मांगी ताकि योजना की स्वीकृति के लिए फाइल को आगे बढ़ाया जा सके.
प्रथम चरण में 12 आश्रय गृह का होगा निर्माण
प्रथम चरण में बनने वाले 12 वृहद आश्रय गृह का निर्माण कैसे होगा. इसके बाद अगर और आश्रय गृह की जरूरत होगी, तो इसकी संख्या बढ़ायी जायेगी. शुरू में तीन ब्लॉक होंगे, जिनमें एक में उम्र के मुताबिक लड़के व लड़कियों को रखा जायेगा. वहीं, बुजुर्गों को तीसरे ब्लॉक में रखा जायेगा.
यह होगी आश्रम में सुविधा
– पढ़ाई के लिए शिक्षक.
– सभी धर्म के लिए पूजा करने का स्थान.
– खेल-कूद के लिए मैदान.
– सीसीटीवी से सीधे मॉनीटरिंग.
– 12 फुट से ऊंची बाहरी दीवार, अंदर में 15 फुट से ऊंची दीवार.
– सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी.
– खाने के लिए हर ब्लॉक में मेस और अलग से लाइब्रेरी.
– चिकित्सा सुविधा और इमरजेंसी के लिए ओपीडी.
पटना : कृषि विभाग की ओर से कम पानी से सिंचाई के माध्यमों का उपयोग करने के लिए अनुदान की शुरुआत की गयी है.
कम पानी में अधिक फसल उत्पादन करने के उद्देश्य से राज्य में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, सूक्ष्म सिंचाई का कार्यान्वयन एवं किसानों को अनुदान भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जा रहा है. कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने बताया कि ड्रिप सिंचाई के लिए 90 फीसदी अनुदान व स्प्रिंकलर के माध्यम से सिंचाई का सिस्टम करने पर 75 फीसदी तक अनुदान देने की शुरुआत हुई है. दोनों अनुदान को लेने के लिए डीबीटी पोर्टल पर अभी तक 10198 किसानों ने ऑन लाइन आवेदन किया है.
कृषि रोड मैच में 2022 तक 50 फीसदी सूक्ष्म सिंचाई करना
तीसरे कृषि रोड मैप 2017-22 में फसलों की सिंचाई के लिए सूक्ष्म सिंचाई पद्धति पर विशेष ध्यान दिया जाना है. इस पद्धति से फसलों की सिंचाई करने पर फसल की उत्पादकता में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी. साथ ही पारंपरिक सिंचाई के तुलना में 60 प्रतिशत पानी की भी बचत होती है. सूक्ष्म सिंचाई एक उन्नत सिंचाई प्रणाली है, जिसके द्वारा पौधे की जड़ क्षेत्र में विशेष रूप से निर्मित प्लास्टिक पाइपों द्वारा एक निश्चित समय अंतराल पर पानी दिया जाता है.
सूक्ष्म सिंचाई के फायदे
-फसल की उत्पादकता में 25 से 35 प्रतिशत की वृद्धि होती है.
-उत्पाद की गुणवत्ता भी उच्च होती है.
– कम मजदूरी की लागत व पौधों पर रोगों के प्रकोप में भी कमी.
– 25 से 30 प्रतिशत उर्वरक की बचत और 30 से 35 प्रतिशत लागत में कमी.
– सब्जियों के अलावा अनाजों के सिंचाई में भी उपयोग.