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पटना : तेजी की लहर में न बहें, सतर्क होकर निवेश करें
निवेशकों को विशेषज्ञों की सलाह : 20 को टैक्स में छूट के बाद झूम उठा था बाजार पटना : जनवरी, 2018 के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद लगातार किसी न किसी वजह से शेयर बाजार गिरता ही चला गया था. वर्तमान में जीडीपी का आंकड़ा पांच फीसदी पर आ जाना और अर्थव्यवस्था की मंदी […]
निवेशकों को विशेषज्ञों की सलाह : 20 को टैक्स में छूट के बाद झूम उठा था बाजार
पटना : जनवरी, 2018 के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद लगातार किसी न किसी वजह से शेयर बाजार गिरता ही चला गया था. वर्तमान में जीडीपी का आंकड़ा पांच फीसदी पर आ जाना और अर्थव्यवस्था की मंदी ने तो आम निवेशकों के रात की नींद हराम कर दी थी. वित्त मंत्री के बार-बार विभिन्न छूट घोषणाओं के बाद भी शेयर बाजार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ रहा था.
लेकिन 20 सितंबर को जब वित्त मंत्री ने कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी छूट की घोषणा कर दी तो शेयर बाजार झूम उठा और दीपावली ही आ गयी. इसके बाद निवेशकों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है. लेकिन बाजार के विशेषज्ञों को कहना है कि तेजी में न बहकर सतर्क होकर निवेश करें. वरना हो सकता है बड़ी नुकसान. इसी मुद्दे को लेकर प्रभात खबर ने शेयर मार्केट के जानकारों से विस्तार से बातचीत की.
एलकेपी सिक्यूरिटीज के प्रमुख पराग जैन ने बताया कि भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि सेंसेक्स एक दिन में 2200 अंक तेज हुआ और उसके बाद सोमवार को भी बाजार लगभग 1100 अंक तेज होकर बंद हुआ. केंद्र सरकार की इस दवा से शेयर बाजार में एक नयी आशा की किरण जगी है. दो दिन में लगभग 3000 अंक से भी अधिक सेंसेक्स ऊपर चढ़ चुका है.
सरकार के इस कदम से कंपनियों की आय तथा लाभ में आठ से दस फीसदी से अधिक वृद्धि होने का अनुमान है. आम निवेशक लंबी अवधि का निवेश कर सकते हैं.शेयर बाजार विशेषज्ञ राजीव लोचन ‘पंकज’ कहते है कि कॉर्पोरेट टैक्स में एक झटके में इतनी बड़ी कमी कर देने से सारी कंपनियों की आय में छह से दस फीसदी की वार्षिक वृद्धि स्वतः हो जायेगी.
इसके परिणाम स्वरूप कंपनियों के शेयर मूल्य तुरंत उछल गये, जिसका नतीजा दिखा कि शेयर बाजार का सूचकांक अपने सर्वाधिक उच्च स्तर के करीब पहुंच गया.लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस कर छूट से न तो मांग में वृद्धि हुई और न ही कंपनियों के उत्पाद की बिक्री बढ़ी.
ऐसे में बाजार में आगे और बढ़त की गुंजाइश तत्काल तो नहीं दिखती और निवेशकों को तेजी के लहर में न बहकर सतर्क होकर निवेश करना चाहिए. बाजार के वर्तमान स्तर पर कंपनियों से रकम निकाल कर मजबूत आधार वाली कंपनियों के शेयर में निवेश करने का बेहतर मौका है.
प्रमाणित वित्तीय योजनाकार श्वेता सिन्हा ने बताया कि कॉर्पोरेट टैक्स में कमी का सरकार का फैसला एक सराहनीय कदम है, जिसकी मांग कंपनियों द्वारा कई वर्षों से की जा रही थी. इस कदम से भारतीय कंपनियों के पास मुनाफे की ज्यादा रकम मौजूद रहेगी, जो निजी निवेश को बढ़ावा देगी.
लेकिन अभी की मंदी की वजह मांग में कमी है, तो आपूर्ति शृंखला की मदद करने से तत्काल तो अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. लंबी अवधि के इक्विटी निवेश को इस तरह की तेजी-मंदी के आवेग से बच कर अनुशासित निवेश करते रहना चाहिए और एक संतुलित पोर्टफोलियो हमेशा बनाये रखना चाहिए. यह एक अच्छा मौका है जब अपने पोर्टफोलियो को पुनः संतुलित किया जा सकता है.
मौर्या सिक्यूरिटीज के प्रमुख शशि चरण पहाड़ी के अनुसार इस वक्त लंबी अवधि के लिए निवेशकों को निवेश करने का सही समय है. कॉर्पोरेट टैक्स घटाने और शेयर बाजार में कर संबंधी राहतों के घोषणा का असर लंबी अवधि तक जारी रहेगा. सरकार के फैसलों से निवेशकों का भरोसा बढ़ा दिया है. बड़ी कंपनियों के मुकाबले छोटी तथा मंझौली कंपनियों में निवेश ज्यादा फायदेमंद साबित होगा.
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