पटना : बिहार के एक लाख किसानों के लिए ग्रीन सिम कार्ड हमराह बना है. इस सिम कार्ड का उपयोग जीविका समूह से जुड़े किसान कर रहे हैं. सिम का उपयोग करनेवाले किसानों के मोबाइल पर हर दिन मौसम के अनुसार खेती-बारी के साथ गाय, भैंस, भेड़, बकरी, मुर्गीपालन की मुफ्त में जानकारी दी जाती है.
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तकनीक से लैस हो रहे हैं प्रदेश के किसान
पटना : बिहार के एक लाख किसानों के लिए ग्रीन सिम कार्ड हमराह बना है. इस सिम कार्ड का उपयोग जीविका समूह से जुड़े किसान कर रहे हैं. सिम का उपयोग करनेवाले किसानों के मोबाइल पर हर दिन मौसम के अनुसार खेती-बारी के साथ गाय, भैंस, भेड़, बकरी, मुर्गीपालन की मुफ्त में जानकारी दी जाती […]
साथ ही किसानों को हर मौसम में फसलों में लगनेवाले रोग की जानकारी घर पर बैठे ही मिल रही है. इसके अलावा िकस मौसम में उनको किस फसल की खेती करनी है, यह भी जानकारी दी जाती है. गाय-भैंस, भेड़-बकरी को कौन सी बीमारी हो सकती है. उसके बचाव की जानकारी दी जाती है.
छह जिलों के एक लाख किसानों को दिया गया ग्रीन सिम कार्ड : इसका प्रयोग मुजफ्फरपुर, मधुबनी, पूर्णिया, गया, खगड़िया व नालंदा में जीविका समूह के किसान खेती व पशुधन की जानकारी के लिए कर रहे हैं. इफको की ओर से उपलब्ध कराये गये सिम कार्ड वाले मोबाइल पर हर दिन चार बार किसानों को मौसम के अनुसार लाभदायक जानकारी दी जाती है.
निबंधित सिम के लिए किसानों को कोई पैसा नहीं देना पड़ता है पर उन्हें सूचनाएं मुफ्त में हर दिन मिलती है. जीविका समूह फार्मर प्रोड्यूसर ग्रुप के साथ काम कर रहा है, तो उनके फसलों की उत्पादकता व उसके बचाव की जानकारी देने का काम कर रहा है. गाय, भैंस,बकरी, मुर्गीपालन और उनको लगने वाले रोग से बचाव की जानकारी हर दिन दी जाती है.
मौसम की भी जानकारी : किसानों को हर तीसरे दिन मौसम की जानकारी दी जाती है. साथ ही अगर किसी जिले में आंधी-तूफान की सूचना है तो उसे तत्काल किसानों को दे दी जाती है. यह सब कुछ बोलकर (व्यॉस मैसेज) सुनाया जाता है. धान के मौसम के कौन सी बीमारी लग सकती है.
इसका घरेलू उपचार क्या हो सकता है. साथ ही जो किसान घरेलू उपचार नहीं कर सकते उनको बाजार से कौन सा कीटनाशक लेना है, इसका परामर्श दिया जाता है. जाड़ा, गर्मी व बरसात के मौसम में मुर्गी, गाय, भैंस को कौन-कौन सी बीमारी लगने की आशंका और साथ ही उसके बचाव की जानकारी दी जाती है.
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