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बीज उत्पादन और प्रोसेसिंग के लिए कंपनियों से बिहार आने की अपील
पटना : कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने शुक्रवार को नयी दिल्ली में सीड टेक्नोलॉजी इनोवेशन फॉर सस्टेनेबल राइस प्रोडक्शन विषय पर आयोजित सेमिनार का उद्घाटन किया. यह सेिमनार इंडिया हैबिटेट सेंटर के इमली हॉल में कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) द्वारा आयोजित िकया गया था. इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि बिहार में […]
पटना : कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने शुक्रवार को नयी दिल्ली में सीड टेक्नोलॉजी इनोवेशन फॉर सस्टेनेबल राइस प्रोडक्शन विषय पर आयोजित सेमिनार का उद्घाटन किया. यह सेिमनार इंडिया हैबिटेट सेंटर के इमली हॉल में कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) द्वारा आयोजित िकया गया था.
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि बिहार में धान के बीज का लगभग 300 करोड़ रुपये की वार्षिक मार्केटिंग की जाती है. ऐसे मैं यहां उपस्थित बीज उद्योग से जुड़े उद्यमियों, विभिन्न कंपनी के प्रतिनिधियों से अपील करता हूं कि बिहार में बीज उत्पादन तथा प्रोसेसिंग के लिए आगे आएं.
इसके लिए सरकार आपको हर संभव सहायता उपलब्ध करायेगी. देश में लगभग 43.86 मिलियन हेक्टेयर में धान की खेती की जाती है तथा बिहार में औसतन 3.31 मिलियन हेक्टेयर में धान की खेती होती है. राज्य में सामान्य मौसम में उत्पादकता राष्ट्रीय औसत से अधिक 24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक तक, जबकि आपदा की स्थिति में उत्पादकता घटकर 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के आस-पास रहती है.
बिहार सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन के कारण गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में मध्यम एवं ऊंची जमीन में जीरो टिल सीड ड्रिल मशीन के माध्यम से धान की सीधी बुवाई को प्रोत्साहित किया जा रहा है. धान की सीधी बुवाई के साथ रेज बेड प्लांटर के द्वारा मक्का की खेती पर भी विशेष बल दिया जा रहा है.
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