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जीपीओ घोटाला : नौ दिन बाद भी न एफआइआर दर्ज न ही सीबीआइ जांच की अनुशंसा

सुबोध कुमार नंदन, पटना : पटना जीपीओ में हुए एक करोड़ से अधिक के घोटाले के नौ दिन बाद भी इसमें शामिल कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की गयी है. वहीं, मामले की सीबीआइ जांच करने की अनुशंसा नहीं करना भी कई सवाल खड़े कर रहा है. डाक विभाग में दबी जुबान से […]

सुबोध कुमार नंदन, पटना : पटना जीपीओ में हुए एक करोड़ से अधिक के घोटाले के नौ दिन बाद भी इसमें शामिल कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की गयी है. वहीं, मामले की सीबीआइ जांच करने की अनुशंसा नहीं करना भी कई सवाल खड़े कर रहा है. डाक विभाग में दबी जुबान से इस बात की चर्चा है कि कहीं इस मामले को दबाने की साजिश तो नहीं हो रही.

यह स्थिति तब है, जबकि मामले में पांच कर्मचारी (मुन्ना कुमार, सुजय तिवारी, राजेश कुमार शर्मा, आदित्य कुमार व सुधीर कुमार सिंह) को पटना जीपीओ प्रशासन की ओर से निलंबित किया जा चुका है. इस बीच मुख्य आरोपित मुन्ना कुमार ने 30 लाख रुपये सरकारी खाते में जमा भी कराये. दो अन्य निलंबित कर्मचारियों की ओर से भी 20 लाख रुपये जमा करने की सूचना है.
जांच पूरी होने का दे रहे हवाला
अनौपचारिक बातचीत में अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही एफआइआर किया जायेगा. क्योंकि, एफआइआर के लिए पुख्ता आंकड़ा होना चाहिए. उनका कहना है कि हर दिन की जांच रिपोर्ट बिहार सर्किल को भेजी जा रही है. आगे क्या कार्रवाई करनी है, इसका जवाब सर्किल ऑफिस के वरीय अधिकारी ही दे सकते हैं?
सर्किल स्तर से अब तक कार्रवाई नहीं
पटना जीपीओ में हुए घोटाले को लेकर डाक विभाग का बिहार सर्किल अब तक मौन है. डाक विभाग के तमाम वरीय अधिकारी यहां बैठते हैं. पटना जीपीओ सर्किल ऑफिस से महज 100 मीटर की दूर पर स्थित है. अब तक सर्किल स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. जबकि, घोटाले की राशि बढ़ती ही जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार गबन की राशि दो करोड़ तक पहुंचने की खबर है. इस संबंध में जब चीफ पोस्ट मास्टर जनरल एमइ हक से मोबाइल से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.
बड़ी संख्या में तबादला तय
वहीं, गबन के खुलासे के बाद बिहार सर्किल के वरीय अधिकारी पटना जीपीओ में वर्षों से जमे कर्मचारियों व अधिकारियों की तबादले की सूची तैयार करने में जुटे हैं. अधिकारी का कहना है कि एक ही विभाग में वर्षों से जमे लोगों का तबादला करना अनिवार्य हो गया है. अगले एक-दो सप्ताह में पटना जीपीओ बदला-बदला दिखेगा.
पूर्व में भी कई घोटाले
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में कई डाकघरों में करोड़ों के घोटाले हो चुके हैं. इनमें नवादा, भोजपुर, हाजीपुर, दरभंगा व मधुबनी डाकघर भी शामिल हैं. लेकिन, घोटाले में शामिल कर्मचारियों व अधिकारियों को क्या सजा मिली? इसकी जानकारी देने को कोई तैयार नहीं है.
घोटाले पर मंत्रालय की नजर
पटना जीपीओ में हुआ घोटाला काफी गंभीर मामला है. मंत्रालय इस पर नजर रखे हुए है. इस घोटाले में शामिल किसी को नहीं बख्शा नहीं जायेगा. चाहे छोटा कर्मचारी हो बड़ा अधिकारी, घोटाले में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी.
रवि शंकर प्रसाद, केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी एवं विधि एवं न्याय मंत्री

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