पटना : राज्य में वाहनों की जांच व प्रमाणपत्र देने के लिये ऑटोमेटेड वेह्किल इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर की स्थापना नहीं किये जाने के मामले पर पटना हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार को 15 दिनों के भीतर पूरी जानकारी हलफनामा के साथ देने का निर्देश दिया है.
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पटना में वाहन फिटनेस के लिए क्यों नहीं बनाये सेंटर
पटना : राज्य में वाहनों की जांच व प्रमाणपत्र देने के लिये ऑटोमेटेड वेह्किल इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर की स्थापना नहीं किये जाने के मामले पर पटना हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार को 15 दिनों के भीतर पूरी जानकारी हलफनामा के साथ देने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एपी शाही तथा न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा […]
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एपी शाही तथा न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने सुधीर कुमार ओझा की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की. आवेदक के वकील विजय कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि राज्य में इस सेंटर की स्थापना नहीं किये जाने से वाहनों की जांच नहीं हो पा रही है.
उनका कहना था कि राज्य में लगभग 73 लाख वाहन हैं, जिनमें नौ लाख व्यावसायिक वाहन हैं. जांच केंद्र के अभाव में एक भी वाहन की जांच नहीं हो पा रही है. बगैर जांच के ही वाहन सड़क पर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं. यहां तक की निजी वाहन जांच केंद्र भी बंद हो चुके हैं. वहीं, राज्य सरकार की और से कोर्ट को बताया गया कि वाहन जांच सेंटर के लिए जमीन ले ली गयी है.
लेकिन केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार वाली 6.05 करोड़ की राशि नहीं मिली है. केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सोलिसिटर जेनरल एसडी संजय ने कोर्ट को बताया कि केंद्रीय वाहन कानून के तहत कार्रवाई हो रही है. कोर्ट ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को भी इस मामले में जल्द कार्रवाई करने को कहा है.
क्या है ऑटोमेटेड व्हिकल इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर : यह अपने आप में एक ऐसा ऑटोमेटिक सेंटर है, जिसमें एक ओर से किसी भी गाड़ी को भेजा जाता है तो सेंटर में लगी मशीन गाड़ी की पूरी जांच कर दूसरी ओर से निकाल देती है. जांच में प्रदूषण सहित गाड़ी की सभी तरह की जांच एक साथ करने की सुविधा है.
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