राज्य की यातायात व्यवस्था पर पड़ रहा है असर
पटना : राज्य में करीब 91.03 किमी लंबाई में स्टेट हाइवे (एसएच) बदतर हालत में है. वहीं, करीब 531.79 किमी लंबाई में एसएच औसत दर्जे की है. इसका सीधा असर राज्य की सड़क यातायात व्यवस्था पर पड़ रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के किसी भी हिस्से से आमलोगों को पांच घंटे में पटना पहुंचने के लिए काम करने का पथ निर्माण विभाग को लक्ष्य दिया था.
ऐसे में एसएच सहित अन्य सड़कों को ठीक किये बिना यह संभव नहीं है. हालांकि, पथ निर्माण विभाग ने पांच स्टेट हाइवे को ठीक करने के लिए डीपीआर बनवाया है. इससे सीधे तौर पर सात जिले के लोगों को फायदा होगा. इसके तहत 281.68 किमी की लंबाई में सड़कों को ठीक करने में कुल खर्च करीब 36 अरब 16 करोड़ 68 लाख रुपये होने का अनुमान है.
3382 किमी एसएच की हालत अच्छी
पथ निर्माण विभाग के सूत्रों का कहना है कि राज्य में स्टेट हाइवे (एसएच) की कुल लंबाई 4005.56 किमी है. इसमें से 3382.74 किमी की लंबाई में एसएच की हालत अच्छी है.
विभाग के सूत्रों का कहना है कि राज्य की पांच एसएच को बेहतर बना देने से बड़ी आबादी को फायदा होगा. इसमें 15.40 किमी लंबाई में भभुआ-अधौरा रोड (एसएच-80) पर 64 करोड़ 85 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है. वहीं, 61.48 किमी लंबाई में बेतिया-नरकटियागंज-बिखनाठोड़ी रोड (एसएच-105) पर छह अरब दो लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है.
मानसी-हरदी-चुगराहा रोड (एसएच-95) को 75.20 किमी की लंबाई में बनाने में 13 अरब 53 करोड़ 76 लाख रुपये की लागत आने का अनुमान है. कटिहार-बलरामपुर (एसएच-98) को 62.88 किमी की लंबाई में बनाने की लागत आठ अरब तीन करोड़ एक लाख रुपये होने की संभावना है. इसके साथ ही बैसी-बहादुरगंज-दीघालबैंक रोड (एसएच-99) को 66.72 किमी की लंबाई में बनाने में सात अरब 95 करोड़ चार लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है.