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पटना : योग कर लौटने के बाद सदर एसडीओ के सरकारी आवास में तैनात गार्ड ने गोली मार की खुदकुशी, काम का था दबाव

ठुड्डी में सटायी एसएलआर की नली और दबा दिया ट्रिगर, गोली सिर के हुई पार केशव प्रताप मूल रूप से अरवल के कलेर प्रखंड के हंसाडीह के रहने वाले थे पटना : गांधी मैदान थाने के छज्जुबाग में स्थित पटना सदर एसडीओ कुमारी अनुपमा सिंह के सरकारी आवास में तैनात गार्ड व बिहार पुलिस के […]

ठुड्डी में सटायी एसएलआर की नली और दबा दिया ट्रिगर, गोली सिर के हुई पार
केशव प्रताप मूल रूप से अरवल के कलेर प्रखंड के हंसाडीह के रहने वाले थे
पटना : गांधी मैदान थाने के छज्जुबाग में स्थित पटना सदर एसडीओ कुमारी अनुपमा सिंह के सरकारी आवास में तैनात गार्ड व बिहार पुलिस के जवान केशव प्रताप (25 वर्ष) ने खुदकुशी कर ली. उसने शुक्रवार को दिन में 11 बजे अपनी एसएलआर राइफल ठुड्डी में सटायी और ट्रिगर को दबा दिया.
गोली ठुड्डी से होते हुए सिर को आर-पार करते हुए बाहर निकल गयी और दीवार को छेद कर दिया. घटनास्थल पर ही सिपाही की मौत हो गयी. गोली चलने की आवाज सुन कर आवास में ही लाइट का काम कर रहे बिजली कर्मी राजकुमार सिंह दौड़ते हुए पहुंचे और खून से लथपथ शव को देख कर हो-हल्ला मचाया. तब अंदर के कमरे में सो रहे हवलदार फूलचंद उरांव व अन्य लोग पहुंच गये.
इसके बाद एसएसपी गरिमा मलिक, सिटी एसपी मध्य प्रांतोष कुमार दास के साथ ही गांधी मैदान व कोतवाली पुलिस भी पहुंची. कुछ देर बाद एसडीएम अनुपमा सिंह भी पहुंची. जिस समय यह घटना हुई उस समय अनुपमा सिंह बांध का निरीक्षण करने के लिए गयी हुईं थी. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. केशव प्रताप मूल रूप सेअरवल के कलेर प्रखंड के हंसाडीह गांव के रहने वाले थे और एसडीएम के आवास पर उनकी तैनाती छह जून को हुई थी. इसके पूर्व वे सुल्तानगंज थाने में तैनात थे.
पुलिस ने उनके पिता विनय कुमार सिंह को सूचित कर दिया और शाम को चाचा शंभू सिंह व अन्य परिजन गांधी मैदान थाना पहुंचे. जहां उन्होंने किसी प्रकार का आरोप नहीं लगाया और न ही किसी प्रकार के पारिवारिक समस्या की जानकारी दी. परिजनों के मुताबिक केशव ही घर का एक तरह से गार्जियन था. केशव प्रताप दो भाइयों में सबसे बड़े थे और अविवाहित थे. एसएसपी गरिमा मलिक ने बताया कि पूरे मामले की जांच करायी जा रही है. फिलहाल घटना के कारणों की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पायी है. गांधी मैदान थाने में यूडी केस दर्ज किया गया है.
एसडीओ नहीं थीं आवास पर, गयी थीं बांध का निरीक्षण करने
बताया जाता है कि शुक्रवार के अहले सुबह छह बजे एसडीओ अनुपमा सिंह के साथ केशव प्रताप योग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गये थे. इसके बाद आठ बजे उनके साथ वापस लौटे. अनुपमा सिंह को फिर से दस बजे बांध का निरीक्षण करने के लिए निकलना था.
लेकिन केशव प्रताप के बजाये संदीप कुमार मंडल की ड्यूटी लगायी गयी. इसके बाद अनुपमा सिंह अपने गार्ड के साथ निकल गयी. जबकि दस से बारह बजे की ड्यूटी में केशव को लगाया गया. इस दौरान वह अपनी ड्यूटी पर था तो बिजली कर्मी अपनी बाइक से पहुंचे. जिसे केशव ने बाइक को आगे लगाने की सलाह दी.
बिजली कर्मी ने अपनी बाइक उनके कहे अनुसार लगा दिया और इसी बीच में फायरिंग की आवाज सुनने पर बिजली कर्मी राजकुमार सिंह व अन्य दौड़े तो पाया कि केशव खून से लथपथ अवस्था में गिरा पड़ा था. जिस समय केशव प्रताप ने खुदकुशी की थी, उस समय किसी का फोन आ रहा था और मोबाइल फोन बज रहा था. हालांकि किसी ने नहीं उठाया. पुलिस ने उनके फोन को भी जब्त कर लिया है.
एक हवलदार व चार जवान की है आवास पर तैनाती : एसडीएम व उनके आवास की सुरक्षा के लिए हवलदार फूलचंद उरांव के साथ ही चार जवान केशव प्रताप, संदीप कुमार मंडल, मो मुख्तार व उमेश कुमार की तैनाती थी. इसमें मो मुख्तार व उमेश कुमार अवकाश पर है. केशव प्रताप की ड्यूटी गुरुवार की रात कब लगी थी. इस बात की जानकारी फूलचंद उरांव को भी नहीं थी.
काम का दबाव, पारिवारिक या खुद की परेशानी
सिपाही की खुदकुशी मामले में कारण के संबंध में कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आयी है. लेकिन खुदकुशी की है तो उन्हें परेशानी अवश्य होगी. अब ये परेशानी विभागीय थी या पारिवारिक या काम का दबाव था, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. पुलिस सभी बिंदु पर छानबीन कर रही है.
साथ ही दुर्घटनावश भी गोली चलने की आशंका है. सूत्रों का कहना है कि इन दिनों केशव की शादी की बात चल रही थी. एसडीएम ने बताया कि वह हमेशा हंसता रहता था और कभी ऐसा नहीं लगा कि वह तनाव में है.

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