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पटना : सरकारी जमीन निजी नाम पर कर दी स्थानांतरित
पटना : पटना सदर अंचल में तीन कर्मियों ने मिल कर सरकारी जमीन का गड़बड़ घोटाला किया है. इसमें लगभग करोड़ों की छह एकड़ 64 डिसमिल सरकारी जमीन को निजी नाम पर स्थानांतरित कर दिया गया है. कर्मियों ने बगैर किसी सक्षम प्राधिकार के निर्देश के करोड़ों की जमीन की हेराफेरी करने का काम किया […]
पटना : पटना सदर अंचल में तीन कर्मियों ने मिल कर सरकारी जमीन का गड़बड़ घोटाला किया है. इसमें लगभग करोड़ों की छह एकड़ 64 डिसमिल सरकारी जमीन को निजी नाम पर स्थानांतरित कर दिया गया है. कर्मियों ने बगैर किसी सक्षम प्राधिकार के निर्देश के करोड़ों की जमीन की हेराफेरी करने का काम किया है. बिना किसी म्यूटेशन आवेदन के ही जमाबंदी कर दी गयी है.
मामला पटना सिटी के हलका नंबर पांच, रानीपुर मौजा, थाना नंबर 19, खाता नंबर 487 और खेसरा संख्या 496 व 500 का है. जो जमीन सर्वे खतियान में गैरमजरूआ आम गड्ढा के रूप में दर्ज है. इसको उषा कुमारी रानी के नाम पर जमाबंदी कर दी गयी है. जानकारी के अनुसार कुल मिला कर सरकारी जमीन के बंदरबांट का है, जिसमें करोड़ों रुपये ही लेनदेन होने की भी संभावना है.
दरअसल जमीन म्यूटेशन के बाद जमाबंदी के लिए सीओ के डिजिटल सिग्नेचर के डोंगल व पासवर्ड का उपयोग किया जाता है. जिसका उपयोग सूचना एवं प्रौवोद्योगिकी सहायक जमाबंदी के कार्य के लिए उपयोग करते हैं. जमाबंदी अपडेट का काम भी इसी सहायक के पास होता है.
अब इसका गलत उपयोग सरकारी जमीन को हड़पने के लिए किया गया है. इसमें साजिश के तहत जमाबंदी संख्या 186 पर धोखाधड़ी की गयी है. मामला अपर समाहर्ता के निरीक्षण के बाद खुला है. जिस पर सीओ सदर ने कर्मी मणिकांत सूर्या (सूचना एवं प्रावैद्यिकी सहायक), राकेश कुमार (लिपिक) और राजस्व कर्मचारी अरुण कुमार शर्मा से स्पष्टीकरण की मांग की है.
लिपिक पर दबाव
जांच में सूचना एवं प्रावैधिकी सहायक ने बताया कि लिपिक राकेश कुमार के दबाव में गलत तरीके से जमाबंदी की गयी है. अब निजी फायदे के लिए साजिशन काम किया है. इससे नया भूमि विवाद व विधि व्यवस्था की समस्या हो गयी है. सूत्रों की मानें तो उस जमीन को सरकारी कार्य के लिए आरक्षित करने की कार्रवाई चली थी. इसमें पहले वहां आइटीआइ कॉलेज के लिए भी जमीन देने का मामला चला था, लेकिन अब कर्मियों के नये खेल से करोड़ों के गड़बड़ी व सरकारी योजनाओं की हवा निकाले का काम किया गया है.
तीनों कर्मियों ने मिलीभगत से सरकारी जमीन को साजिश के तहत गलत जमाबंदी की है. इसके लिए किसी सक्षम पदाधिकारी का निर्देश भी नहीं था. उन लोगों ने जवाब मांगा गया है, जवाब संतोषप्रद नहीं रहा तो आगे कानूनी कार्रवाई की जायेगी
—प्रवीण कुमार पांडेय, सीओ सदर
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