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पटना : जदयू को 2009 में मिले वोट से आगे निकलने की योजना
पटना : लोकसभा चुनाव में एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों की संख्या का तालमेल होने के बाद अब लोगों को निर्वाचन क्षेत्रों और उम्मीदवारों के नामों की घोषणा का इंतजार है. हालांकि इसे लेकर भाजपा, जदयू और लोजपा में मंथन का दौर जारी है. तीनों दलों के बीच तालमेल में जदयू को 17 […]
पटना : लोकसभा चुनाव में एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों की संख्या का तालमेल होने के बाद अब लोगों को निर्वाचन क्षेत्रों और उम्मीदवारों के नामों की घोषणा का इंतजार है. हालांकि इसे लेकर भाजपा, जदयू और लोजपा में मंथन का दौर जारी है. तीनों दलों के बीच तालमेल में जदयू को 17 सीटें मिली हैं, लेकिन पार्टी सभी 40 सीटों पर संगठन को मजबूत करने में जुटी है. साथ ही सीटों को चुनने के लिए चुनावी गणना कर रही है. जदयू ने वर्ष 2004 के चुनाव में 40 लोकसभा सीटों में 26 पर चुनाव लड़ा. इनमें से छह पर जीत मिली.
वहीं, भाजपा ने 14 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन उसे पांच सीटों पर जीत मिली. वहीं, वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में जदयू ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा. इसमें से 20 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा उम्मीदवारों ने 15 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू ने अकेले 40 सीटों पर चुनाव लड़ा. उसमें से दो पर जीत दर्ज की.
चुनावी गणना कर रहा जदयू : सूत्रों का कहना है कि जदयू इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने और भाजपा व लोजपा के साथ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के तालमेल के लिए चुनावी हिसाब किताब लगा रहा है. पार्टी ने उन सीटों को खंगाल रही है, जिन पर वर्ष 2009 के चुनाव में 20 सीटों पर जीत मिली थी और वर्ष 2014 के चुनाव में जिन सीटों पर हार का अंतर कम रहा था. फिलहाल ऐसी कुछ सीटों पर बातचीत करने की तैयारी पर सहमति बनती हुई नजर आ रही है.
ये हैं सीटें
जिन सीटों पर जदयू द्वारा चुनाव लड़ने की संभावना बतायी जा रही है उनमें मुंगेर, नालंदा, जहानाबाद, सुपौल, अररिया, पूर्णिया, वैशाली, दरभंगा, झंझारपुर, सासाराम, काराकाट, औरंगाबाद, वाल्मीकिनगर, गाेपालगंज, सीवान प्रमुख हैं.
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