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पटना : विमान से शव लाने में 60 से 70 प्रतिशत कम खर्च
पटना : शव वाहन और एंबुलेंस की तुलना में विमान से शव को लाना काफी कम खर्चीला है. दिल्ली या अन्य दूरवर्ती स्थलों से पटना सड़क मार्ग से शव को लाने के लिए फ्रीजर युक्त बड़े शव वाहन या एंबुलेंस की जरूरत होती है, जिसकी दर 12 से 14 रुपये प्रति किमी है. पटना से […]
पटना : शव वाहन और एंबुलेंस की तुलना में विमान से शव को लाना काफी कम खर्चीला है. दिल्ली या अन्य दूरवर्ती स्थलों से पटना सड़क मार्ग से शव को लाने के लिए फ्रीजर युक्त बड़े शव वाहन या एंबुलेंस की जरूरत होती है, जिसकी दर 12 से 14 रुपये प्रति किमी है. पटना से दिल्ली की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 1000 किमी है. परिजनों को आने के साथ-साथ वापस लौटने की राशि भी प्रति किमी के दर से चुकानी पड़ती है, जिससे सड़क मार्ग से लाने का खर्च 25 से 30 हजार रुपये पड़ता है जबकि विमान से शव को लाने में केवल साढ़े पांच हजार का किराया लगता है.
पुलिस से एनओसी और इंबारकेशन सर्टिफिकेट जरूरी : कॉफिन और इंबारकेशन (कॉफिन में शव को पैक करना) कॉस्ट को सम्मिलित करने पर भी यह खर्च 10 हजार के भीतर ही पड़ता है. साथ ही, सड़क मार्ग से 24 से 30 घंटे जिस दूरी को पार करने में लगता है, उसे वायु मार्ग से दो घंटे में ही पूरा कर लिया जाता है.
विमान से शव लाने के लिए पुलिस से एनओसी और इंबारकेशन सर्टिफिकेट जरूरी होता है. इनके साथ लोडिंग अनलोडिंग के समय को भी सम्मिलित कर लिया जाये तो भी पांच से छह घंटे में सारी प्रक्रिया पूरी हो जाती है. पटना एयरपोर्ट पर हर दिन तीन-चार शवों को वायुमार्ग से लाया जाता है.
धीरे-धीरे इस संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. उनमें से लगभग 90 फीसदी एयर इंडिया के विमानों से ही आते हैं, क्योंकि उसमें शवों को रखने का एक विशेष बॉक्स बना होता है. मुंबई, वेल्लोर, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे दूरवर्ती क्षेत्रों से शवों को लाने में वायु मार्ग सड़क मार्ग की तुलना में 60-70 फीसदी तक कम खर्च लगता है.
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