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पांच राज्यों के चुनाव परिणामों के बाद बिहार में कांग्रेस को मिली ताकत, भाजपा की परेशानी बढ़ायी
पांच राज्यों में हुए विधानसभा के चुनाव का परिणाम भाजपा की परेशानी को बढ़ाने वाला है. भाजपा पर अब उसके सहयोगियों का प्रेशर बढ़ेगा. चुनाव परिणाम के ठीक एक दिन पहले रालोसपा ने भाजपा को टाटा बाय-बाय कर दिया. अब बिहार में उसके साथ जदयू और लोजपा ही रह गयी है. हम पहले ही गुडबाय […]
पांच राज्यों में हुए विधानसभा के चुनाव का परिणाम भाजपा की परेशानी को बढ़ाने वाला है. भाजपा पर अब उसके सहयोगियों का प्रेशर बढ़ेगा. चुनाव परिणाम के ठीक एक दिन पहले रालोसपा ने भाजपा को टाटा बाय-बाय कर दिया.
अब बिहार में उसके साथ जदयू और लोजपा ही रह गयी है. हम पहले ही गुडबाय कर चुका है. एनडीए में सबसे बड़ा दल भाजपा है. इसलिए सहयोगियों का दबाव भी उसे ही झेलना होगा. अगले साल देश में आम चुनाव है. भाजपा दुबारा सत्ता में आने हर कोशिश कर रही है. मिशन 2019 में भाजपा ने अपनी सारी ताकत झोंक दी है.
मंगलवार को जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का परिणाम आया है उसमें से दो तो संख्या के लिहाज से अहम है. वे दोनों राज्य हैं मध्य प्रदेश और राजस्थान. एमपी की 29 लोकसभा सीट में से 27 और राजस्थान की 25 में से 25 सीट भाजपा के पास है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ की 11 में से 10 सीट पर भाजपा का कब्जा है.
2019 की आम चुनाव का सेमीफाइनल माने जाने वाले चुनाव परिणाम से भाजपा पर सिर्फ विरोधी ही नहीं सहयोगी भी दबाव बनायेंगे. बिहार में सहयोगी जदयू भाजपा पर हावी है. यह शीट शेयरिंग में देखने को मिला. भाजपा और जदयू बराबर-बराबर सीट पर लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी.
भाजपा के 22 और जदयू के दो लोकसभा सांसद हैं, लेकिन पांच राज्यों के आये चुनाव परिणाम के बाद अब भाजपा को अपनी कई सीटें छोड़नी पड़ सकती हैं. जानकार कहते हैं कि भाजपा के करीब एक दर्जन सांसद दूसरे दलों के संपर्क में हैं. अब इस चुनाव परिणाम के बाद उनकी गतिविधियों में और तेजी आयेगी. भाजपा नेता कुछ भी खुलकर नहीं बोलना चाहते हैं. हालांकि भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल कहते हैं कि नरेंद्र मोदी का जादू बरकरार है. चुनाव परिणाम हमारे खिलाफ नहीं है, लेकिन सचेत करने वाला है.
कुछ कार्यकर्ता ही नजर आये प्रदेश भाजपा मुख्यालय में
मंगलवार को पांच राज्यों का चुनाव परिणाम आ रहा था, लेकिन भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में कोई खास चहल-पहल नहीं दिखी. लगभग रोजाना आनेवाले प्रदेश प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी को छोड़ कोई बड़ा भाजपा नेता मंगलवार को कार्यालय में नहीं दिखे. कहा जा सकता है कि बारहमासी कार्यकर्ता ही पार्टी कार्यालय में दिखे. हार का गम चेहरे पर दिख रहा था, जिसे छिपाने का प्रयास कर रहे थे. मुख्यालय में प्रदेश पदाधिकारी नजर नहीं आये.
…खुद को अभेद्य मान रहा जदयू चाह रहा भाजपा अपने अंदर करे बदलाव
राजस्थान, मध्य प्रदेश, मिजोरम, छत्तीसगढ़ और
तेलंगाना के विधानसभा चुनाव के नतीजों ने बिहार की राजनीति में टर्निंग प्वाइंट का काम किया है. भाजपा की हार ने एनडीए के घटक दलों में भी सतर्कता का आलार्म बजा दिया है. बिहार में एनडीए में बड़े भाई की भूमिका निभा रही जदयू खुद को अभेद्य मान रही है. हालांकि भाजपा से वह उम्मीद बांधे है कि परिणामों को लेकर वह मंथन करेगी. केंद्र सरकार योजनाओं में जनता के हिसाब से और भी बदलाव करेगी.
भाजपा सबक के रूप में लेगी
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सदस्य बशिष्ठ नारायण का कहना है कि भाजपा इस चुनाव को सबक के रूप में लेगी. लोकसभा चुनाव में अभी पांच महीना का समय है. इस बीच केंद्र सरकार अपनी योजनाओं में सुधार करेगी.
कभी-कभी जो झटका लगता है उससे सभी उबरने का प्रयास करते हैं. भाजपा भी ऐसा करेगी. अपने सांगठानिक ढांचा की सभी खामियों को दुरुस्त करेगी. परिणाम जदयू को कितना प्रभावित करेंगे? इस सवाल के जवाब में उनका कहना था कि जिन राज्यों में चुनाव हुआ है उनकी और बिहार की स्थिति अलग-अलग है. बिहार में सरकार के प्रति रुझान लगातार बढ़ रहा है.
बिहार की राजनीति भी होगी प्रभावित: समाजशास्त्री डीएम दिवाकर का मानना है कि यह कहना पूरी तरह गलत होगा कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम बिहार की राजनीति को प्रभावित नहीं करेंगे. भाजपा नीतीश कुमार के साथ सरकार में शामिल है. वह खुद को डिक्टेट करने में लगी है. भाजपा कोटे के पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार का बयान इसका ताजा उदाहरण है.
जनादेश स्वीकार, परिणाम पर मिलकर मंथन करने की जरूरत: पांच राज्यों में आये चुनाव परिणाम पर संसदीय कार्य मंत्री और जदयू के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार का कहना है कि यह जनादेश पूरी तरह से स्वीकार है.
यह जनता का फैसला है, जिस पर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है. जहां तक सहयोगी दल भाजपा के खराब प्रदर्शन का सवाल है तो इस मामले पर गहन समीक्षा करने की जरूरत है. सिर्फ हवा-हवाई समीक्षा नहीं होनी चाहिए. बल्कि, सभी को मिलकर एक साथ मंथन करने की आवश्यकता है.
पटना : पांच राज्यों के चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस को बिहार में ताकत मिली है. पार्टी के नेताओं को लगने लगा है कि एनडीए सरकार से आम जनता परेशान है. इसलिए वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए पार्टी अपनी पूरी ताकत लगायेगी.
इसके लिए नयी कार्ययोजना के तहत संगठन की मजबूती पार्टी की प्राथमिकता होगी. वहीं महागठबंधन में भी कांग्रेस प्रमुख भूमिका में होगी. कांग्रेस ने पांच राज्यों का चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा है. ऐसे में पटना में तीन फरवरी को राहुल गांधी की रैली को लेकर भी पार्टी के नेता खासे उत्साहित हैं. सुशील साह एवं शरीफ अहमद रंगरेज ने कांग्रेस की इस जीत पर बधाई दी है.
क्या कहते हैं नेता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने पांचों राज्यों में एनडीए को नकारे जाने से उत्साहित होकर कहा कि वर्ष 2019 में भी जनता एनडीए के खिलाफ मतदान करेगी. उन्होंने कहा कि एनडीए की नीतियों से लोग परेशान हैं. राहुल गांधी के नेतृत्व पर आस्था व्यक्त करते हुए इस बार मतदान किया है.
एक्सपर्ट व्यू
जनता ने बीजेेपी को सबक सिखाया है. परिणाम से अब उसे सावधान हो जाना चाहिए. लोकसभा चुनाव से पहले जनता का उस पर विश्वास बहाल हो, इसके लिए प्रयास करना होगा.
सुरेेंद्र किशोर, वरिष्ठ पत्रकार
किसान, बेरोजगार, युवा और अमन पसंद जनता ने भाजपा को आईना दिखाया है. चुनाव परिणाम कांग्रेस की जीत नहीं, भाजपा के प्रति लोगों का गुस्सा है.
डीएम दिवाकर, समाजशास्त्री
पांच राज्यों मिजोरम, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना परिणाम को भाजपा के खिलाफ चली बयार बता रहे हैं. यह निर्णयकारी जीत है.
शैबाल गुप्ता, समाजशास्त्री
इस परिणाम से नरेंद्र मोदी की करिश्मायी राजनीति और अमित शाह के चुनाव प्रबंधन को गहरा धक्का लगा है. इसे कांग्रेस की राजनीति की जीत कहना भी जल्दबाजी होगी.
सुकांत नागार्जुन, वरिष्ठ पत्रकार
चुनाव नतीजों के आधार पर सियासी भविष्य का गणित लगाना मुश्किल है. वामपंथी सरकार के विरोध में लगातार आंदोलन कर रहे थे. जनता में बात घर कर रही थी कि पीएम में अहंकार है.
डीएन गौतम, पूर्व डीजीपी
यह ट्रेलर है चुनाव का : पूर्वे
राजद ने भी खुशी जाहिर की है. प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि यह आगामी लोकसभा चुनाव का ट्रेलर है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम पर खुशी जताते हुए कहा कि जनता असहिष्णुता, नफरत और जुमलेबाजी की सरकार स्वीकार नहीं करती है. प्रदेश महासचिव निराला यादव ने भी जनता की जीत बतायी है.
पूरी समीक्षा होगी: नंदकिशोर
पांच राज्यों के चुनाव परिणाम पर भाजपा के बड़े नेता तो बचते ही रहे. अधिकांश नेताओं की फोन की घंटी बजती रही. कई नेताओं के सहयोगियों ने कहा साहब बिजी है. सिर्फ एक बड़े नेता पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने चुनाव परिणाम पर अपनी प्रतिक्रिया दी. वरिष्ठ नेता और पथ निर्माण मंत्री ने कहा कि पार्टी पूरी रिजल्ट की समीक्षा करेगी.
एकजुटता के कारण जीत : पटेल
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री वृशिण पटेल ने कहा कि महागठबंधन की एकजुटता के कारण जीत हुई है. जीत का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. यह चुनाव परिणाम मोदी के झूठ व अमित शाह के कारण भाजपा की हार है.हम के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री डॉ अनिल कुमार ने कहा की बीजेपी की गलत नीतियों के कारण हार हुई .
करारा जवाब : भाकपा माले
पांच राज्यों का चुनाव परिणाम एनडीए के खिलाफ जाने पर भाकपा माले ने इसे भाजपा को करारा जवाब बताया है. पार्टी के राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि जनता ने भाजपा के विभाजन, नफरत व उन्माद-उत्पात की राजनीति को पूरी तरह नकार दिया है.
परिणामों से कांग्रेस उत्साहित ढोल-नगाड़े बजा किया स्वागत
पांच राज्यों के चुनाव परिणामों से कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता उत्साहित दिख रहे हैं. उन्होंने इसका स्वागत प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में मंगलवार को ढोल-नगाड़े बजा कर किया. वहां जश्न का माहौल बन गया. कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एनडीए के खिलाफ आये चुनाव परिणामों के बारे में इसका श्रेय राहुल गांधी के नेतृत्व को दिया. इसके साथ ही बिहार कांग्रेस के प्रभारी सचिव राजेश लिलौठिया ने राहुल गांधी को पीएम पद का उम्मीदवार बताया.
क्या कहते हैं अखिलेश प्रसाद सिंह प्रदेश कांग्रेस प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि पांचों राज्यों के चुनाव परिणामों से नरेंद्र मोदी का तिलिस्म टूटा है. लोगों में जनाक्रोश था, जो वोट के माध्यम सेसामने आया.
क्या कहते हैं सदानंद सिंह
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि चुनाव परिणामों से साफ दिख रहा है कि एनडीए सरकार का बोरिया-बिस्तर बंधने वाला है. आम लोगों ने राहुल गांधी के नेतृत्व में अपनी आस्था व्यक्त की है.
जनता के लिए जीत है : तेजस्वी
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पांच राज्यों में चुनाव परिणाम पर ट्वीट कर कहा कि यह जनता की जनता के सहयोग से जनता के लिए जीत है. देश की भावनाओं को अपने वोट के जरिये सम्मान देने के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की जनता को हार्दिक बधाई. कांग्रेस और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी समेत सभी पार्टियों के सभी विजयी साथियों को भी उन्होंने बधाई दी है. उन्होंने आगे लिखा है कि तानाशाही, जोर-जुल्म के खिलाफ हमारा संयुक्त संघर्ष जारी रहेगा.
कांग्रेस के लिए अच्छे दिन : पप्पू
जापलो के राष्ट्रीय संरक्षक सह सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम पर कहा कि नफरत, झूठ, अहंकार व विश्वासघात नेताओं के लिए उचित नहीं है. कांग्रेस ने मुद्दों पर जीत हासिल की है. मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में कांग्रेस के लिए अच्छे दिन की जमीन तैयार कर दी है. अपने आवास पर आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में पप्पू यादव ने कहा कि भाजपा धर्म व जाति के आधार पर नफरत पैदा करती है.
एक्सपर्ट व्यू
पांच राज्यों के चुनाव परिणाम से निश्चित रूप से भाजपा पर उसके सहयोगियों का प्रेशर बढ़ेगा. लोकसभा चुनाव के समय भाजपा पर सहयोगियों का दबाव होगा. भाजपा के लिए यह आत्मचिंतन का भी समय है.
-देवेंद्र मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार
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