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गुजरात से यूपी-बिहार के लोगों का पलायन जारी, सियासत तेज

हिंसा और धमकी के बाद गैर-गुजरातियों में दहशत का माहौल अहमदाबाद/नयी दिल्ली : गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 महीने की बच्ची से बलात्कार के बाद उपजी हिंसा के कारण गैर-गुजरातियों में दहशत का माहौल है. गुजरात के सात जिलों में यूपी-बिहार के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. इन्हें गुजरात छोड़ने की धमकी […]

हिंसा और धमकी के बाद गैर-गुजरातियों में दहशत का माहौल
अहमदाबाद/नयी दिल्ली : गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 महीने की बच्ची से बलात्कार के बाद उपजी हिंसा के कारण गैर-गुजरातियों में दहशत का माहौल है. गुजरात के सात जिलों में यूपी-बिहार के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.
इन्हें गुजरात छोड़ने की धमकी दी जा रही है, जिससे डरे-सहमे उत्तर भारतीय पलायन कर रहे हैं. अब तक करीब 25,000 से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं. उत्तर भारतीय विकास परिषद के अध्यक्ष श्याम सिंह ठाकुर ने दावा किया कि 60,000 से ज्यादा हिंदी भाषी प्रवासी मजदूर गुजरात से जा चुके हैं.
इधर, हिंसा से जुड़े मामले में अब तक 533 लोग गिरफ्तार किये गये हैं और 61 मामले दर्ज किये गये हैं. अलग से, सात मामले आइटी कानून के तहत दर्ज किये गये हैं. वहीं, उद्योग विशेषज्ञों की मानें, तो गुजरात में एक करोड़ से ज्यादा लोग फैक्ट्रियों में काम करते हैं. इनमें से 70 फीसदी यानी 70 लाख लोग गैर-गुजराती हैं. श्रमिकों की अचानक अनुपस्थिति ने समूचे औद्योगिक गतिविधि और उत्पादनों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.
इसी बीच, मामले को लेकर सियासत तेज हो गयी है. गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने कहा कि कांग्रेस ने प्रवासियों के खिलाफ हिंसा भड़कायी. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हिंदी भाषी लोगों पर हमले किये जा रहे हैं और उन्हें भागने को विवश किया जा रहा है.
गुजरात की कंपनियों में 70 लाख से ज्यादा मजदूर यूपी-बिहार के
सरकार बनायेगी कानून, कंपनियों को गुजरातियों को देनी होगी 80 प्रतिशत नौकरी : गुजरात में लगने वाली कंपनियों को रोजगार के मामले में गुजरातियों को प्राथमिकता देनी होगी. उन्हें आश्वस्त करना होगा कि वे 80 प्रतिशत रोजगार राज्य के लोगों को देंगी.
इसके लिए राज्य सरकार एक कानून बनाने जा रही है. इससे राज्य के इंजीनियर, कंप्यूटर की पढ़ाई करने वाले और अन्य स्थानीय युवाओं को लाभ मिलेगा. मार्च 1995 में पारित एक सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, पिछले 15 वर्षों से राज्य में रहने वाले लोगों को स्थानीय लोगों के रूप में परिभाषित किया गया है.
हिंसा फैलाने के आरोप पर बोले अल्पेश
मैंने किसी को धमकी दी है, तो जेल जाने को तैयार, मुझे बदनाम किया जा रहा है
गुजरात में उत्तर भारतीयों के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगने के बाद कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने सफाई दी है. कहा कि मेरा बेटा बीमार है, मुझे बदनाम किया जा रहा है. मैं विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा.
मैं खुद बिहार का प्रभारी हूं, मैं ऐसा नहीं कर सकता. यदि मैंने किसी को भी धमकाया है, तो मैं खुद जेल जाने के लिए तैयार हूं. इस बीच, एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें अल्पेश कथित प्रवासी मजदूरों के खिलाफ भाषण देते हुए दिख रहे हैं. वीडियो में वह कहते हैं कि अगर आप उन्हें भारतीय समझते हैं और उन्हें 20 फीसदी नौकरियां देते हैं, लेकिन गुजरातियों को ऐसे कारखानों से निकाला जा रहा है, गुजराती भूख से मर रहे हैं.
रोजगार सृजन की सरकार की अक्षमता के कारण युवाओं में हताशा और गुस्सा बढ़ रहा है. यही गुस्सा और हताशा पूरे गुजरात में प्रवासियों पर हिंसक हमलों में प्रकट हो रही है. सरकार दृढ़ता से कार्रवाई करे .
राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल को नागरिकों के खिलाफ अल्पेश ठाकोर के कथित घृणा अभियान पर कांग्रेस का रुख स्पष्ट करना चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष को घृणा अभियान चलाने के लिए पार्टी विधायक अल्पेश ठाकोर को निष्कासित करना चाहिए.
प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय मंत्री
यह दुख की बात है कि जिन लोगों ने नरेंद्र मोदीजी को बनारस में वोट देकर जिताया, उन्हीं लोगों पर गुजरात में हमले हो रहे हैं. दलित, अल्पसंख्यक और सवर्ण समाज के गरीबों की बदहाली के लिए भाजपा और कांग्रेस बराबर जिम्मेदार हैं.
मायावती, बसपा प्रमुख

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