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साइलेंसर युक्त रिवॉल्वर से मारीं तबरेज को गोलियां, पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के शूटर को मारने के लिए 3.8 बोर के हथियार का इस्तेमाल
पटना : पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के शूटर मो तबरेज आलम को अपराधियों ने 3.8 बोर की रिवॉल्वर से गोली मारी है. खास बात यह है कि उक्त रिवॉल्वर साइलेंसर युक्त थी. अपराधियों ने जब तबरेज आलम पर फायरिंग की तो केवल हल्की आवाज आयी थी और किसी को जानकारी नहीं हो पायी थी. घटनास्थल पर […]
पटना : पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के शूटर मो तबरेज आलम को अपराधियों ने 3.8 बोर की रिवॉल्वर से गोली मारी है. खास बात यह है कि उक्त रिवॉल्वर साइलेंसर युक्त थी. अपराधियों ने जब तबरेज आलम पर फायरिंग की तो केवल हल्की आवाज आयी थी और किसी को जानकारी नहीं हो पायी थी.
घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने थ्री प्वाइंट एट की गोली का चार खोखा बरामद किया. जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उक्त रिवॉल्वर थ्री प्वाइंट एट की थी. आमतौर पर यह रिवॉल्वर पुलिस अपने इस्तेमाल में लाती है. जिसके कारण यह भी संभव है कि अपराधियों के पास पुलिस से छीनी या लूटी गयी रिवॉल्वर हो सकती है.
चेकिंग में मिले जमीन के कई कागजात : पुलिस ने जब सफारी गाड़ी की चेकिंग की तो उसमें से कई जमीन के कागजात मिले. तबरेज आलम इन दिनों जमीन के धंधे में लगा था और सूत्रों का कहना है कि उसने इस धंधे से करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली थी. जिस फ्रेजर रोड इलाके में तबरेज आलम का अपार्टमेंट में फ्लैट है, उसकी कीमत करोड़ों में है. बताया जाता है कि इसके अलावा भी जहानाबाद व अन्य जिलों में उसने करोड़ों की संपत्ति बना ली थी.
हर शुक्रवार को नमाज पढ़ने के बाद इंडेन गैस एजेंसी के पास ही लगाता था गाड़ी : जानकारी के अनुसार मो तबरेज आलम कोतवाली थाने के समीप स्थित मस्जिद में हर शुक्रवार को नमाज पढ़ने के लिए आता था. इसके साथ ही वह इंडेन गैस एजेंसी के पास ही अपनी सफारी गाड़ी को लगाता था. इस बात को उसके गैंग के लोग पहले से जानते थे. जिसके कारण अपराधियों के पास पूर्व से ही यह जानकारी थी कि वह इंडेन गैस एजेंसी के पास ही अपनी लगायेगा.
जमीन व पैसे का विवाद
बताया जाता है कि तबरेज आलम का जमीन व पैसों को लेकर कई लोगों से विवाद था. सब्जीबाग के तीन-चार लोगाें से भी उसकी दुश्मनी थी और उन लोगों के खिलाफ तबरेज ने कोतवाली थाने में पिछले साल जान से धमकी देने का मामला दर्ज कराया था. पुलिस तबरेज की हत्या के बाद उन सभी से भी पूछताछ करेगी.
कोलकाता में बैंक डकैती में भी था शामिल
मो तबरेज आलम कोलकाता में हुए बैंक डकैती में भी शामिल था. उसके संबंध कोलकाता के अपराधियों से भी थे. बताया जाता है कि कोलकाता के अलावा इसने कई अन्य जगहों पर घटना को अंजाम दिया था. जहानाबाद में इसने एक स्वर्ण व्यवसायी का मकान भी जबरन हथिया लिया था. पटना सिटी में हुए मनोज कमलिया हत्याकांड में भी तबरेज आलम का नाम सामने आया था.
तबरेज सीवान में हुए कई घटना में भी शामिल रहा है. मो शहाबुद्दीन का शूटर होने के कारण वह वहां भी कई घटनाओं को अंजाम दिया था. सीवान में हुए पुलिस एनकाउंटर में तबरेज की जान किसी तरह बची थी. हालांकि उस एनकाउंटर में सुल्तान मियां मारा गया था.
आंखों-देखी
कोतवाली थाना के समीप इंडेन गैस एजेंसी. समय तीन बज कर 40 मिनट. नमाज खत्म होने के बाद उजला पजामा व कुर्ता में पैदल ही मो तबरेज अपनी गाड़ी की ओर बढ़ रहा था. इंडेन गैस एजेंसी के पास चाय दुकान में चाय पीने वालों की भीड़ लगी थी. इसी बीच पहले एक स्कूटी आ कर रुकती है. स्कूटी पर बैठे दोनों युवक किसी की तलाश कर रहे थे.
चाय दुकान पर मौजूद एक शख्स ने यह पूछा कि किसे खोज रहे हैं, तो उन दोनों ने कुछ नहीं बोला. सभी चाय पी रहे थे और इसी बीच मो तबरेज पहुंचा और अपनी गाड़ी की ओर बढ़ने लगा. वहीं पर बगल में एक बाइक पर दो युवक सवार थे, जो शायद पहले से ही तबरेज का इंतजार कर रहे थे. उसमें से एक गाड़ी से नीचे उतरता है और समीप जा कर मो तबरेज पर ताबड़तोड़ फायरिंग करता है.
नहीं सुनाई पड़ी गोली की आवाज
लोगों को गोली चलने की आवाज का पता नहीं चला क्योंकि आवाज काफी धीमी थी. लोगों ने समझा कि टायर फटा है. इसी बीच तबरेज अपनी सफारी गाड़ी के पास खून से लथपथ हो कर गिर जाता है, तो लोगों की नजर उस ओर जाती है. तबरेज के पास ही एक चेक शर्ट वाला युवक खड़ा था और उसके हाथों में पिस्तौल देख कर लोगों को माजरा समझ में आ गया. लोग इधर-उधर भागने लगते हैं. गोली मारने वाला युवक बाइक पर बैठ जाता है. वहां खड़े एक युवक ने तुरंत पुलिस को जानकारी दी.
घटना के पांच मिनट के अंदर पहुंची पुलिस
सूचना मिलते ही पांच मिनट के अंदर ही एसएसपी मनु महाराज, सिटी एसपी अमरकेश डी के साथ कई अन्य पुलिस पदाधिकारी वहां पहुंचे. तबरेज आलम की मौत हो चुकी थी. गाड़ी में शव को रख कर पीएमसीएच ले जाया जाता है. इसके बाद एसएसपी मनु महाराज कोतवाली थाना पहुंचे और अपने मातहतों के साथ मीटिंग की. एसएसपी ने एक टीम को सीसीटीवी फुटेज देखने के लिए भेजा. इसके साथ ही घटनास्थल पर मौजूद कुछ लोगों से अपराधियों की पहचान करायी गयी. दो अपराधियों की पहचान कर ली गयी.
धनबाद के नेता की हत्या समेत कई कांडों का था आरोपित
तबरेज आलम उर्फ तब्बू 2001 से ही अपराध की दुनिया में सक्रिय रहा था. इसके खिलाफ झारखंड के धनबाद में एक नेता की हत्या करने का आरोप है. धनबाद में ही यह गैंग्स ऑफ वासेपुर का सदस्य भी था और अपने विरोधी गुट फहीन की हत्या करने के लिए साथियों के साथ उसके घर पर गोलीबारी भी की थी. इसमें तबरेज का नाम आया था. गैंग्स ऑफ वासेेपुर फिल्म में तबरेज का चरित्र फिल्माया गया है.
डॉ रमेश चंद्रा अपहरण में भी रही थी संलिप्तता: साथ ही पटना में 2003 में हुए डॉ रमेश चंद्रा और 2001 में हुए डाॅ अश्विनी गुप्ता के अपहरण कांड में संलिप्तता रही थी. दोनों ही अपहरण कांडों का मामला कोतवाली थाने में ही दर्ज हुआ था. यह पटना के पूर्व के कुख्यात सुल्तान मियां का सहयोगी था और सुल्तान मियां व तबरेज पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के लिए काम करते थे.
जमीन विवाद में अपने बने दुश्मन: इधर, इसने जमीन के कारोबार में अपना हाथ डाल दिया था. वह अंजार आलम, डब्ल्यू मुखिया व अन्य के साथ जमीन के धंधे में था. लेकिन नौसा की जमीन को लेकर विवाद हो गया था. इसके कारण इसके अपने ही गैंग के लोगों से दुश्मनी हो गयी थी.
आतंकवाद विरोध मुस्लिम मोर्चा बनाया था: फिलहाल तबरेज ने ऑल इंडिया आतंकवाद विरोध मुस्लिम मोर्चा बना रखा था और उसका कार्यालय जुबैदा कॉम्पलेक्स, एक्जीबिशन रोड में है.
2010 में सपा के टिकट से लड़ा था जहानाबाद विधानसभा से चुनाव
जहानाबाद. तबरेज आलम जहानाबाद शहर के गरेड़ियाखंड मुहल्ला निवासी और शायर रहे दिवंगत मो जफीरउद्दीन जया का पुत्र था. पांच भाइयों और तीन बहनों में वह मंझला भाई था. उसके अन्य भाई बाहर में रहकर कारोबार करते हैं. तबरेज पटना में जमीन के व्यवसाय से भी जुड़ा रहा. गड़ेरियाखंड मुहल्ला स्थित घर में उनकी एक बहन और कुछ किरायेदार रहते हैं.
तबरेज 2010 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, जिसमें उसे 5085 मत मिले थे. पटना पुलिस इस बिंदु पर तहकीकात कर रही है कि कुछ माह पूर्व जहानाबाद के एक होटल व्यवसायी से दो करोड़ की रंगदारी मांगी गयी थी. सूत्र बताते हैं कि रंगदारी के इस मामले में तब्बू होटल व्यवसायी की तरफदारी में खड़ा हुआ था. वहीं, वर्षों पूर्व धनबाद में एक आपराधिक मामले में तब्बू गैंग की भिड़ंत पुलिस से हुई थी, जिसमें उसका चचेरा भाई अरमान पुलिस के हाथों मारा गया था.
शहाबुद्दीन गैंग के दूसरे सदस्य पर हुआ हमला
पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन के गैंग के दूसरे सदस्य तबरेज आलम को मौत के घाट उतार दिया गया. इसके पूर्व हाल में मो शहाबुद्दीन के करीबी राजेश यादव के सिवान स्थित आवास पर फायरिंग हुई थी.एससी-एसटी एक्ट में गिरफ्तारी के विरोध से लेकर गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की मांग को लेकर हुआ प्रदर्शन
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