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पटना : हर जिले में पढ़ायी जायेगी उर्दू, किसान मजदूर भी बन सकेंगे अफसरों के सहपाठी

अनुज शर्मा नि:शुल्क होगा प्रवेश, सप्ताह में चार दिन लगेगी दो घंटे क्लास पटना : उर्दू की पढ़ायी अब जिला मुख्यालयों पर भी होगी. सरकार ने उर्दू को बढ़ावा देने के लिए जो मास्टर प्लान तैयार किया है, उसको वह विस्तार देेने जा रही है. उर्दू निदेशालय मास्टर ट्रेनर तैयार कर रहा है, जो सभी […]

अनुज शर्मा
नि:शुल्क होगा प्रवेश, सप्ताह में चार दिन लगेगी दो घंटे क्लास
पटना : उर्दू की पढ़ायी अब जिला मुख्यालयों पर भी होगी. सरकार ने उर्दू को बढ़ावा देने के लिए जो मास्टर प्लान तैयार किया है, उसको वह विस्तार देेने जा रही है. उर्दू निदेशालय मास्टर ट्रेनर तैयार कर रहा है, जो सभी जिलों में पढ़ायेंगे.
इसकी सबसे खास बात यह होगी की इसकी कक्षा में किसान-मजदूर और सरकार के हाकिम एक साथ पढ़ेंगे. प्रवेश पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर नि:शुल्क होगा. सप्ताह में चार दिन दो घंटे की क्लास लगेगी. 60 दिन बाद परीक्षा पास करने वालों को उर्दू लर्निंग सर्टिफिकेट मिलेगा.
बिहार में उर्दू को राज्य की द्वितीय राजभाषा का दर्जा मिला हुआ है. इसके प्रचार-प्रसार के लिए सरकार ने नवादा, गया, समस्तीपुर और दरभंगा में मॉडल के रूप में उर्दू निदेशालय ने ‘उर्दू प्रशिक्षण अधिगम केंद्र’ शुरू किया था.
लोगों ने इसमें रुचि भी ली, लेकिन अच्छे ट्रेनरों के अभाव में ड्राॅपआउट इतना बढ़ा कि योजना पूरी तरह से फेल हो गयी. उर्दू निदेशालय अब राज्य मुख्यालय पर मास्टर ट्रेनर तैयार कर रहा है.
ये लोग राज्य के सभी 38 जिलों में उर्दू का प्रशिक्षण देंगे. सभी जिलों के ‘उर्दू प्रशिक्षण अधिगम केंद्र’ पर उर्दू की पढ़ायी तकनीक आधारित होगी. उर्दू सीखने के इच्छुक पदाधिकारी एवं कर्मचारियों के आवेदनों को अग्रसारित करने के लिए उर्दू निदेशालय के निदेशक इम्तियाज अहमद करीमी ने राज्य के सभी विभागों के प्रधान सचिव, सचिव विभागाध्यक्ष और कार्यालय प्रधान को पत्र लिखा है.
17 सितंबर से शुरू हो रहा नया सत्र
उर्दू निदेशालय सभी विभागों में कार्यरत गैर उर्दू भाषी पदाधिकारी एवं कर्मचारीगण को उर्दू सिखाने के लिए सी ब्लॉक स्थित उर्दू प्रशिक्षण अधिगम केंद्र में 17 सितंबर से प्रशिक्षण सत्र शुरू करने जा रहा है. 60 दिन चलने वाले इस सत्र में दो घंटे की क्लास होगी.
क्लास सप्ताह में चार दिन सोमवार से गुरुवार तक एक बजे से तीन बजे तक लगेगी. प्रशिक्षण पूरा होने पर लिखित परीक्षा होगी. इसको पास करने वाले अभ्यर्थियों को उर्दू लर्निंग सर्टिफिकेट दिया जायेगा.
सभी 38 जिलों में उर्दू का प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके लिए हम मास्टर ट्रेनर तैयार कर रहे हैं. राज्य मुख्यालय पर 17 सितंबर से नया सत्र शुरू हो रहा है. इसमें किसी भी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी तथा बिहार के आम नागरिक भी प्रवेश ले सकते हैं. उर्दू सिखाने के लिए बजट की कमी नहीं है.
—नूर आलम, प्रशिक्षक, उर्दू निदेशालय

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