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पटना : सीडी रेशियो में पिछले वर्ष की तुलना में 2 फीसदी की गिरावट
पटना : राज्य के सभी बैंकों में यहां के लोगों के तीन लाख 10,198 करोड़ रुपये जमा हैं, लेकिन इन रुपयों का लाभ इन्हें नहीं मिल रहा है. सूबे के लोगों को लोन देने में बैंक काफी उदासीन रवैया अपनाये हुए हैं. महज एक लाख 27,345 करोड़ रुपये के ही लोन अभी तक बांटे गये […]
पटना : राज्य के सभी बैंकों में यहां के लोगों के तीन लाख 10,198 करोड़ रुपये जमा हैं, लेकिन इन रुपयों का लाभ इन्हें नहीं मिल रहा है. सूबे के लोगों को लोन देने में बैंक काफी उदासीन रवैया अपनाये हुए हैं. महज एक लाख 27,345 करोड़ रुपये के ही लोन अभी तक बांटे गये हैं, जो बैंकों के कुल साख जमा अनुपात (सीडी रेशियो) का 41.05% है.
सीडी रेशियो में चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 2.10% की गिरावट दर्ज की गयी है. पिछले वित्तीय वर्ष में सीडी रेशियो 43.15% रहा था. इस बार लोन देने में सात हजार 612 करोड़ रुपये की कमी आयी है. राज्य का सीडी रेशियो राष्ट्रीय औसत 78% से काफी कम है. यह कमी पिछले 10 साल से लगातार बरकरार है.
हालांकि राज्य की आंतरिक स्थिति की बात करें, तो पिछले 11 साल में इसमें करीब 11% की बढ़ोतरी हुई है. वित्तीय वर्ष 2007-08 में राज्य का सीडी रेशियो 32.35% हुआ करता था, जो वित्तीय वर्ष 2018-19 में बढ़ कर 41.05 हो गया. इस बीच सबसे बेहतर रेशियो वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान 44.99% रहा. इसके बाद के वित्तीय वर्ष में इसमें लगातार गिरावट दर्ज की गयी.
कृषि, गव्य, मत्स्य और मुर्गी पालन की योजना में रुचि नहीं : वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान कृषि क्षेत्र में 60 हजार करोड़ ऋण देने का लक्ष्य है, जिसमें जून तक 8,475 करोड़ ऋण ही वितरित किया गया है. यह लक्ष्य का 14.12% है. इसी तरह किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) में 2018-19 के दौरान 10 लाख कार्ड बनाने के निर्धारित टारगेट में अब तक एक लाख 11,352 केसीसी बन चुके हैं, जो लक्ष्य का 11.14% है.
इन क्षेत्रों में इतनी उपलब्धि
गव्य विकास (डेयरी): तीन लाख 61 हजार 642 करोड़ लोन देने का लक्ष्य है, जिसमें 11.59% उपलब्धि हुई है. बैठक में यह बात सामने आयी कि बैंकों में छह हजार 302 आवेदन लंबित हैं. 833 आवेदन ही स्वीकृत हुए हैं.
मत्स्य पालन : एक लाख 39 हजार 113 करोड़ लोन देने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें महज 1.83% ही उपलब्धि है. सिर्फ दो हजार 302 करोड़ के लोन बांटे गये हैं. 153 आवेदन में एक ही स्वीकृत हुआ.मुर्गीपालन : एक लाख 44 हजार 16 करोड़ लोन देने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें महज 3.26% ही उपलब्धि हासिल हुई है. चार हजार 207 करोड़ के ऋण दिये गये हैं.
कृषि यांत्रिकीकरण : तीन लाख 52 हजार 172 करोड़ लोन देने का लक्ष्य है, महज 5.57% उपलब्धि मिली है.उद्योग संबंधित : उद्योग क्षेत्र में 20 हजार करोड़ के लक्ष्य में छह हजार 96 करोड़ के ही लोन दिये गये हैं, जो लक्ष्य का 30.48% है.
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