अनुपम कुमार पटना : पिछले डेढ़ महीना में पांच बर्ड हिट हो चुके हैं. उनमें चार घटनाएं पटना एयरपोर्ट की हैं जबकि एक पुणे एयरपोर्ट की, जहां पटना से गयी स्पाइस जेट की एक विमान लैंडिंग के समय बर्ड हिट की शिकार हुई थी. इन पांचों घटनाओं में लगभग आठ सौ यात्रियों की जान जाते-जाते […]
अनुपम कुमार
पटना : पिछले डेढ़ महीना में पांच बर्ड हिट हो चुके हैं. उनमें चार घटनाएं पटना एयरपोर्ट की हैं जबकि एक पुणे एयरपोर्ट की, जहां पटना से गयी स्पाइस जेट की एक विमान लैंडिंग के समय बर्ड हिट की शिकार हुई थी. इन पांचों घटनाओं में लगभग आठ सौ यात्रियों की जान जाते-जाते बची.
प्रभात खबर से खास बातचीत में शहर के कई उड्डयन विशेषज्ञों ने इन दिनों बार-बार हो रही बर्ड हिट के लिए मौसम के बदलते मिजाज को जिम्मेदार बताया. इसने पक्षियों को कई तरह से प्रभावित किया है और उनकी गतिविधियों को बढ़ा दिया है. बरसात में पक्षियों का मिलन समय होने से भी गतिविधियां बढ़ी हैं. ऐसे में रनवे और विमानों के एप्रोच फनल से लगातार उनको दूर रखना मुश्किल भरा होता है. बरसात के खत्म होने और जाड़े की शुरुआत के बाद ही स्थिति में बदलाव आयेगा और बर्ड हिट की आशंका कम हो जायेगी. तब तक के तीन-चार महीने विमान कंपनियों पर भारी पड़ेंगे और उन्हें विमानों के परिचालन मार्ग को बर्ड फ्री रखने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी. बर्ड हिट की आशंका फ्लाइट बढ़ने से भी बढ़ गयी है. पटना से एक साल पहले 32 जोड़ी फ्लाइट चलती थी, अभी 46 जोड़ी फ्लाइट चल रही है.
उमड़ते रहे पक्षियों के झुंड, भगाते रहे बर्ड चेजर
रविवार को पटना एयरपोर्ट पर पूरे दिन पक्षियों के झुंड और बर्ड चेजर के बीच रस्साकशी जारी रही. जब-जब बारिश थमी, चिडियों के झुंड रनवे और उसके आसपास के क्षेत्र में कीट-पतंगों को खाने के लिए उमड़ते रहे. शनिवार के अनुभव को ध्यान में रखते हुए रनवे के आसपास तैनात बर्ड चेजर भी पूरी तरह मुस्तैद दिखे.
बारिश के बाद कीड़ों की तलाश में निकलते बड़ी पक्षियों के झुंड
मानसून आने के साथ ही हर साल पक्षियों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं. इसके कई नैसर्गिंक वजह हैं. बारिश होने के दौरान पक्षी अपने घोसलों में दुबके रहते हैं. बारिश खत्म होने के बाद इनके झुंड एक साथ भोजन की तलाश में निकलते हैं. बारिश के बाद हल्की धूप निकलने पर घास में बंद कीट-पतंगे भी उसे सेंकने के लिए बाहर निकलते हैं, जो गौरैया जैसे छोटे चिड़ियों का मनपसंद भोजन है. रनवे के आसपास हरी घास के बड़े-बड़े मैदान हैं. लिहाजा सैंकड़ों की संख्या में एक साथ पक्षियों के झुंड वहां कीट-पतंगों का शिकार करने पहुंच जाते हैं, जैसा बीते शनिवार को पटना एयरपोर्ट के रनवे के आसपास देखा गया. एयरपोर्ट ऑथोरिटी के लिए एक साथ सैंकड़ो पक्षियों के झुंड को नियंत्रित करना मुश्किल भरा होता है. रनवे के आसपास नियुक्त बर्ड चेजर (पक्षियों को भगाने वाले) के लिए उनको पूरी तरह खदेड़ना संभव नहीं होता है. पटाखे, बर्ड स्केरर, सिक्स शॉट लांचर तथा जोन गन जैसे उपकरण भी बड़े झुंडों पर बहुत प्रभावी नहीं होते. ऐसे में हल्की चूक भी बर्ड हिट की वजह बन जाती है.