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पटना : सूखे से निबटने को सरकार तैयार, आकस्मिक फसल योजना के लिए 9264 लाख रुपये से अधिक का प्लान

पटना : मौसम की बेरुखी से परेशान अन्नदाताओं को राहत देने के लिए राज्य सरकार हर स्तर पर तैनात है. संबंधित विभाग समन्वय स्थापित कर हर बिंदु पर नजर रख रहे हैं. सरकार भी इस पर नजर रख रही है. कृषि विभाग ने आकस्मिक फसल योजना के लिए फिलहाल 9264.19 लाख रुपये से अधिक का […]

पटना : मौसम की बेरुखी से परेशान अन्नदाताओं को राहत देने के लिए राज्य सरकार हर स्तर पर तैनात है. संबंधित विभाग समन्वय स्थापित कर हर बिंदु पर नजर रख रहे हैं. सरकार भी इस पर नजर रख रही है.

कृषि विभाग ने आकस्मिक फसल योजना के लिए फिलहाल 9264.19 लाख रुपये से अधिक का प्लान तैयार कर रखा है. इससे विभिन्न तरह के बीज खरीदे जायेंगे. पूरी रिपोर्ट कृषि विभाग ने सरकार को सौंप दी है.

110635.67 क्विंटल बीज खरीदा जायेगा. इससे 675409.33 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुआई हो पायेगी. वैकल्पिक फसलों के रूप में अल्पकालीन धान, मक्का, तोरिया, ज्वार, मटर, अरहर, उड़द, बाजरा, कुल्थी, लोबिया, मूंग, मूंगफली, महुआ, पालक, मूली, चौलाई, भिंडी, मसूर, सूर्यमुखी एवं सोयाबिन की बीज खरीदने की पूरी तैयारी है. शुक्रवार को फिर से क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक हुई.

मुख्य सचिव की अनुपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता विकास आयुक्त शशि शेखर शर्मा ने की. कृषि विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो करीब 94 फीसदी धान का बिचड़ा है. रोपनी के मामले में आंकड़ा करीब 19 प्रतिशत ही पहुंच पाया है. मक्के की बुवाई करीब 57 फीसदी हुई है. डीजल अनुदान के तहत ऑनलाइन आवेदन मिले हैं, जिसमें करीब ढाई हजार किसानों को लाभान्वित किया जा चुका है.

शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे से शुरू हुई बैठक एक घंटा चली. इसके बाद आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि सरकार हर स्थिति से निबटने को तैयार है. उन्होंने माना कि बारिश कम हुई है.

प्रदेश को सूखा घोषित करने के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. अगले हफ्ते तक हालात को और देखना होगा.

इसके बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकेगा. उन्होंने कहा कि सूखे से संबंधित सभी विभागों की समीक्षा की गयी. जिन जिलों में एकदम बारिश नहीं हुई है, वहां के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है. कई जिलों के जलस्तर में काफी कमी आयी है. पीएचईडी विभाग से रिपोर्ट मांगी गयी है. सोन नदी में भी पानी नहीं है. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी बारिश कम हो रही है.

इसका असर सोन नदी पर पड़ रहा है. गुरुवार तक सोन नहर में पानी पहुंचाया गया था, परंतु फिर हालात खराब हो गये हैं. कुल मिलाकर सोन कैनाल में पानी की कमी है. ग्रामीण विकास विभाग को कहा गया है कि मनरेगा के माध्यम से प्रभावित जिलों में रोजगार देने की तैयारी कर ली जाये. प्रधान सचिव ने कहा कि कंटीजेंसी प्लान क्रमवार बनाया जा रहा है. आकस्मिक फसल योजना के तहत पूरी योजना बन गयी है. बीज आदि के लिए टेंडर हो गया है. रेट भी फाइनल कर दिया गया है.

सोमवार को फिर होगी समीक्षा

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सोमवार को फिर विकास आयुक्त सूखा से संबंधित विभागों के साथ समीक्षा करेंगे. इसमें ग्रामीण विकास विभाग, पीएचईडी विभाग को खास तौर से बुलाया गया है. सूखे से बेहतर तरीके से निबटने को लेकर योजना की समीक्षा होगी.

48 प्रतिशत कम हुई है बारिश

विकास आयुक्त की बैठक के बाद मौसम विभाग के संदीप कुमार ने बताया कि इस साल एक जून से 20 जुलाई तक बारिश की स्थिति काफी खराब है. 48 प्रतिशत बारिश कम हुई है. आधा दर्जन से अधिक जिलों में बारिश की स्थिति बेहतर खराब है.

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